अयोध्या : मर्यादा को स्थापित करने वाली श्रीभरत यात्रा वैदिक मन्त्रोचार के साथ शुरू
अयोध्या।
तहलका 24×7
दशकों से चले आ रहे परम्परागत आयोजन की कड़ी में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या से आज 50वीं श्रीभरत यात्रा मणिराम दास जी छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास शास्त्री के संयोजन मे वैदिक मंत्रोच्चारण और भरत शत्रुघ्न के स्वरूप पूजन के उपरांत बुधवार को प्रातः चित्रकूट हेतु प्रस्थान हुई।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के आशिर्वाद से सैकड़ो संत धर्माचार्यो और भरत वा शत्रुघ्न के स्वरूप को लेकर एक दर्जन वाहनों से चित्रकूट के लिए रवाना हुई, यात्रा विभिन्न दर्शनीय स्थलो पर दर्शन पूजन अनुष्ठान करते हुये नंदीग्राम, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज होते चित्रकूट पहुंचेगी। इस दौरान मार्ग मे संतों का प्रवचन श्रीराम लीला तथा वृहद स्तर पर भोजन भंडारे का भी भक्तों द्वारा आयोजन होगा। यात्रा प्रस्थान कराने से पूर्व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने भरत शत्रुध्न के स्वरूप का अपने कक्ष में पूजन किया और यात्रियों को अपना आशीर्वाद देकर विदा किया।
यात्रा का संयोजन कर रहे उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि संसार के इतिहास में सबसे प्राचीन ऐतिहासिक ग्रन्थ महर्षि वाल्मीकि रामयण है। इस धर्मग्रंथ में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सहित भरतजी के पावन आदर्श जीवन का चरित्र चित्रण है। राम के अनुज भरत जी ने भ्रातृत्व वा भ्रातृ-प्रेम और पारिवारिक जीवन मूल्यो की ऐसी मर्यादायें स्थापित की हैं कि उसके बाद संसार के इतिहास में अन्य कोई उसका पालन नहीं कर सका। आज वर्तमान तथा भावी पीढ़ी हेतु महापुरूषों के जीवन चरित्र का ब्यापक प्रचार प्रसार करने की अवश्यक्ता है। उन्होंने कहा कि विगत 50 वर्ष से अयोध्या से चित्रकूट और पुनः अयोध्या वापसी कर समाज को जाग्रत करने वाली श्रीभरत यात्रा अपने उद्देश्यो की पूर्ति मे सफल हो रही है।
इस अवसर पर कृपालु रामदास “पंजाबी बाबा” पुनीत राम दास, महंत रामशरण रामायणी, महंत गोपाल दास, महंत महेंद्र दास, विमल कृष्ण दास, संत भैया जी महाराज, विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा, भाजपा नेता विनोद जायसवाल, रोहित सिंह, संत जानकी दास, रामरक्षा दास, संत ब्रजमोहन दास, बलराम दास, भगवान दास, पंडित दीपक, शास्त्री, विनय शास्त्री सहित सैकड़ो संत धर्माचार्य तथा श्रीराम भक्त उपस्थित रहे।