कोका-कोला, बिसलेरी सहित कई कंपनियों के लगेंगे प्लांट, 5 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार
गोरखपुर।
तहलका 24×7
जिले में विकास की रफ्तार और तेज होगी। गीडा के 35वें स्थापना दिवस पर 30 नवंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ देश की नामी-गिरामी कंपनियों को 88 नए औद्योगिक भूखंडों का आवंटन करेंगे। सीएम गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी की गीडा में भूमि का आवंटन पत्र दिया जाएगा। जहां पर कोका-कोला, बिसलेरी जैसी बड़ी कंपनियां अपनी फैक्ट्री लगाएंगी। जिसमें 1286 करोड़ रुपये के निवेश और 5200 लोगों के रोजगार के अवसर उपल्बध होंगे।
स्थापना दिवस समारोह के लिए गीडा में तैयारी चल रही है। गीडा अध्यक्ष व गोरखपुर के कमिश्नर अनिल ढींगरा और गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक इसके लिए जुटे हुए हैं। हालांकि इससे पहले इंडस्ट्री और गोरखपुर के बीच दशकों तक विरोधाभासी रिश्ता बना रहा। लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सात साल में माहौल ऐसा बदला कि अब दोनों एक दूसरे के पूरक रुप में देखे जा रहे हैं।
जिस गोरखपुर में स्थानीय पूंजीपति भी औद्योगिक निवेश करने से घबराते थे, अब वहां देश की नामी कम्पनियों के आने की होड़ सी दिख रही है। निवेश के लिए भूखंडों की डिमांड बढ़ी तो स्वाभाविक तौर पर गीडा ने अपना लैंड बैंक भी मजबूत किया। 31 अक्टूबर 2024 तक गीडा ने 501.68 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया। यह गत वर्ष की तुलना में दोगुना है। वर्ष 2023-24 में गीडा ने 250.46 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था।
जमीन की मांग और उसी के सापेक्ष अधिग्रहण की बढ़ती रफ्तार बताती है कि गीडा पूर्वांचल के बड़े औद्योगिक हब के रुप में तेजी से आकार ले रहा है। बीते कुछ सालों में यहां मल्टीनेशनल समेत कई बड़ी यूनिट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ, जो तीन दशक पहले तक सिर्फ कल्पनाओं की बात होती थीं। गीडा में पेप्सिको की बॉटलिंग प्लांट, सीपी मिल्क (ज्ञान डेयरी), तत्वा प्लास्टिक, गैलेंट समूह और अंकुर उद्योग की इकाई चल रही है। वहीं, सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन का भंडारण गृह भी बनकर तैयार है। इसके अलावा केयान डिस्टिलरी समेत कई बड़ी यूनिट्स निर्माणाधीन हैं।
गीडा में अपनी यूनिट लगाने के लिए कोका कोला, बिसलेरी, अडानी और जेके ग्रुप (सीमेंट फैक्ट्री के लिए) जैसे बड़े औद्योगिक घरानों ने भी जमीन की मांग की है। गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनुज मलिक ने बताया कि पिछले एक वर्ष में आवंटित 88 भूखंडों पर कुल 1286 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इसमें जिन प्रमुख इकाइयों के लिए जमीनों का आवंटन किया गया है, उनमें एपीएल अपोलो ट्यूब्स लिमिटेड, एसएलएमजी पीईटी प्लांट, कपिला कृषि उद्योग, आईसन एयर कूलर, टेक्नोप्लास्ट पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, मॉडर्न पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, नोवामैक्स इंडस्ट्रीज व होटल नीलकंठ ग्रैंड शामिल हैं।
इन उद्योगों को करीब 3500 वर्गमीटर से लेकर 72000 वर्गमीटर तक के भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनमें 50 करोड़ से लेकर 320 करोड़ के निवेश प्रस्तावित हैं। स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से जुड़ी 123 करोड़ के कार्यों का शिलान्यास और 86 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही वह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ाने के लिए निवेश मित्र पोर्टल पर इंटीग्रेट होने वाली गीडा की 20 सुविधाओं का शुभारंभ भी करेंगे।
गीडा में निवेश का इको सिस्टम बनाने में रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लंबे दौर तक पहचान को जूझता रहा। यह क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, रोड, रेल, एयर कनेक्टिविटी के मामले में मजबूत होकर औद्योगिक नक्शे पर चमक गया है। बेहतर कनेक्टिविटी के साथ गीडा में 25 एकड़ में गारमेंट पार्क, 88 एकड़ में प्लास्टिक पार्क विकसित हो रहा है तो 34 करोड़ रुपये की लागत से फ्लैटेड फैक्ट्री भी बन रही है।
गीडा की तरफ से प्लास्टिक पार्क प्रोजेक्ट गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे सेक्टर-28 में 88 एकड़ में विकसित किया गया है। यहां प्लास्टिक उद्योग की 92 इकाइयों के लिये स्थान एवं समस्त आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होगी। इसमें लगभग 5000 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा सरकार 5500 एकड़ में धुरियापार में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बना रही है।