खोटे सिक्के: नकली डायमण्ड से चुन्धिया रहीं आमजन की आंखें
# धनतेरस के दिन सुबह से ही प्रदेश की राजधानी से लेकरुथय वाराणसी, जौनपुर, बलिया तक यानी हर शहर की सड़कें जाम रहीं, झाड़ू से लेकर बर्तन तक की दुकानें सड़कों पर आ गईं, हर नाके पर भीड़ संभालने में पुलिस, ट्रैफ़िक पुलिस और होमगार्ड नाकाफी साबित हो रहे, कई शहरों में फोरलेन भी जाम की चपेट में रहा जैसे जौनपुर।
कैलाश सिंह
लखनऊ/जौनपुर।
तहलका विशेष
जिस तरह सोने-चांदी में कैरेट के खेल के अलावा मिलावटी खोट होता है, उसी प्रकार ‘नकली डायमण्ड’ से चुन्धियाई आंखें केवल फर्जी ‘आईजीआई’ कार्ड देखकर उसे शुद्धता की गारन्टी मान लेती हैं। हर बड़े शहर में धन तेरस के दिन जेवरों की तिजारत में नकली डायमण्ड की चमक ग्राहकों के सर चढ़कर बोल रही हैं। इसके पीछे गारंटी कार्ड के साथ गिफ़्ट हैम्पर का कमाल है।जौनपुर की यह बानगी पूर्वांचल के बाज़ारों में चल रहे सर्राफा कारोबार की हकीकत बयां करने के लिए ठोस उदाहरण साबित होंगे।
यहां के चार गोल्ड माफिया तेज रोशनी में सामान्य शीशे को भी डायमण्ड बनाकर आसानी से बेच रहे हैं। ग्राहकों को अपनी तरफ खींचने के लिए वह लाउडस्पीकर का इस्तेमाल ऐसे कर रहे हैं जैसे ‘मेला में ट्रैक्टर पर लदे केले’ बेच रहे हों। रहा सवाल सड़कों पर दुकानों का तो सबसे ज्यादा चमक बर्तन की दुकानें पटरियों पर चमक रही हैं। धन तेरस को सुबह से उमड़ी से भीड़ शाम को वाहन संचालन थम सा गया। कहीं कपड़ों की सेल लगी है तो कहीं जेवरों की प्रदर्शनी। भीड़ के शोर पर लाउडस्पीकर और वाहनों के हार्न भारी पड़ रहे हैं।
अब जानिए डायमंड में नकली का खेल: ‘आईजीआई’ यानी सर्टिफ़ाइड डायमण्ड ज्वेलरी के लिए इंटरनेशनल जेमोलाजिकल इंस्टीच्यूट ही प्रमाणित करता और गारंटी कार्ड जारी करता है। इसका पूर्वांचल के वाराणसी में कार्यालय है, जहां तीन सौ खर्च करके जौनपुर में लाया जाता है। यह प्रमाण पत्र जौनपुर के गोल्ड माफिया समेत उनके कई सहयोगी अपनी दुकानों पर टांगे रखते हैं। इसी के आधार पर निम्न श्रेणी के डायमण्ड बेचकर असली का पैसा वसूल रहे हैं। साथ में मिला गारन्टी कार्ड अधिकतर लोगों से उन्हीं फर्जी रसीदों की तरह खो जाता है जिनमें जीएसटी का खेल रहता है।
डायमंड के जेवर भी कोई उसी तरह कोई वापस नहीं करने आता है जैसे लक्ष्मी, गणेश के खोटे सिक्के। सर्राफा कारोबार के जानकार सूत्रों की मानें तो डायमण्ड ज्वेलरी में कम से कम 50 फीसदी झोल होता है। इसमें रिंग, हार, कंगन, टॉप, पेंडन, लॉकेट, नोज पिन आदि हैं, जिनकी वापसी नहीं के बराबर है। रसीद में जीएसटी का खेल तो अलग से रहता ही है।
क्रमशः…………….