32.1 C
Delhi
Saturday, July 6, 2024

घोटाले में 38 साल बाद आया फैसला, 76 साल के रिटायर्ड इंजीनियर को 4 साल की जेल

घोटाले में 38 साल बाद आया फैसला, 76 साल के रिटायर्ड इंजीनियर को 4 साल की जेल

मुजफ्फरपुर। 
तहलका 24×7 
               बिहार में एक सेवानिवृत्त इंजीनियर को 38 साल बाद सजा मिली। मुजफ्फरपुर की विशेष निगरानी कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।उसे घोड़ासाहन के त्रिवेणी नहर घोटाला मामले में दोषी पाया गया था। जिसमें कोर्ट ने उसे 4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर उनकी सजा बढ़ा दी जाएगी।
बताया जाता है कि त्रिवेणी नहर की मरम्मत में 20 हजार रुपये का घोटाला हुआ था। इसमें दोषी पाए गए पटना निवासी तत्कालीन सहायक अभियंता सुरेंद्रनाथ वर्मा (76) को सजा सुनाई गई है। इस घोटाले को लेकर निगरानी ब्यूरो ने अलग-अलग 13 एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें जून 1987 को 20 हजार 925 रुपये के घोटाले के आरोप में तत्कालीन निगरानी इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह विनीत ने एक एफआईआर दर्ज की थी।
इसमें सुरेंद्रनाथ के अलावा तत्कालीन कार्यपालक अभियंता रामचंद्र प्रसाद सिंह, तत्कालीन जूनियर इंजीनियर नवल किशोर प्रसाद सिंह और ठेकेदार समी खान को आरोपी बनाया गया था। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि निगरानी जांच में पाया गया कि ठेकेदार समी खान ने महज 1031 रुपये का काम कराया था। लेकिन, उसे घूस लेकर 21 हजार 956 रुपये का भुगतान किया गया। इस तरह 20 हजार 925 रुपये का घोटाला हुआ।
जांच के बाद निगरानी ब्यूरो ने चारों आरोपितों पर चार्जशीट दायर की। ट्रायल के दौरान तीन आरोपित रामदचंद्र प्रसाद सिंह, नवल किशोर प्रसाद सिंह और ठेकेदार समी खान की मौत हो गई। जिंदा बचे तत्कालीन सहायक अभियंता पर ट्रायल चला। इसमें फैसला सुनाकर उन्हें सजा दी गई।
बताया गया की त्रिवेणी नहर मरम्मत के दौरान यह घोटाला वित्तीय वर्ष 1986-87 में हुआ था। तब सुरेंद्रनाथ वर्मा पूर्वी चंपारण के रामनगर अवर प्रमंडल में पदस्थापित थे। विशेष निगरानी न्यायाधीश सत्यप्रकाश शुक्ला ने सजा के बाद सुरेंद्रनाथ को जेल भेज दिया था।
मामला में साक्ष्य पेश करने वाले विशेष लोक अभियोजक कृष्णदेव साह ने बताया कि घोड़ासाहन में त्रिवेणी नहर के मरम्मत में घोटाले की जांच मुख्यालय स्तर पर तत्कालीन डीआईजी डीपी ओझा के नेतृत्व में निगरानी टीम ने की थी। इसमें तीन करोड़ के मिट्टी के कार्य की जांच में एक हजार स्थलों पर गड़बड़ी पाई गई। इसमें 1.50 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम... "सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

अब आजमगढ़ मंडल में सेवा देंगे डा. आलोक सिंह पालीवाल

अब आजमगढ़ मंडल में सेवा देंगे डा. आलोक सिंह पालीवाल जौनपुर।  एखलाक खान  तहलका 24x7              सुईथाकलां विकास...

More Articles Like This