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Tuesday, October 8, 2024

जौनपुर : कृषक उत्पादक संगठन बनाकर महिलाएं बने स्वावलंबी

जौनपुर : कृषक उत्पादक संगठन बनाकर महिलाएं बने स्वावलंबी

जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
          अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला सशक्तिकरण हेतु सोमवार को जिले की समस्त 218 न्याय पंचायतों में किसान पाठशाला का आयोजन किया गया। जिसमें महिला वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों द्वारा ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम में लाइव स्ट्रीमिंग द्वारा 218 पाठशालाओं में प्रतिभागी 8066 महिलाओं एवं 8720 पुरुषों कुल 16786 कृषकों को जागरूक किया गया।


वीडियो कांफ्रेन्सिंग से लाइव स्ट्रीमिंग द्वारा कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी आज खेती, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन इत्यादि में 60 प्रतिशत से भी अधिक है, परंतु उनका स्वामित्व उनके नाम पर अपेक्षाकृत बहुत ही कम प्रतिशत में है, इसी कारण कृषि गणना में कृषकों की संख्या में उनकी उपस्थिति बहुत कम दिखाई पड़ती है।

प्रमुख सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने खेती के कार्यों में अधिकांश कार्य महिलाओं द्वारा ही किया जाता है क्योंकि इनका यह श्रम घरेलू श्रम की परिभाषा के दायरे में आता है अतः इनकी हिस्सेदारी पारिवारिक आय में तो होती है परंतु इससे इन्हें व्यक्तिगत आय बहुत कम होती है, जो महिलाएं दूसरे के खेतों में खेतिहर मजदूर के रूप में कार्य करती हैं उन्हें ही व्यक्तिगत आय के रूप में धनराशि प्राप्त होती है।


               
डा. मोनिका सिंह उप निदेशक मत्स्य ने कहा कि महिलाओं की कृषि क्षेत्र में भागीदारी को पहचान एवं बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र में एक महिला वैज्ञानिक तैनात करने का निर्णय लिया है, उत्तर प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा चलाए जा रहे 4 वर्षीय गृह विज्ञान के पाठ्यक्रम को कृषि स्नातक की समकक्षता प्रदान कर दी गई है, जिससे अधिक से अधिक महिलाएं कृषि एवं संबंधित क्षेत्र में सरकारी क्षेत्र की नौकरियों में स्थान प्राप्त कर सकें।

डा. पंकज त्रिपाठी जेडीए दलहन ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन एवं कृषक उत्पादक संगठनों के अंतर्गत प्रदेश में महिलाओं को फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग योजना जिसमें ट्रैक्टर एवं अन्य उपकरण के क्रय पर 40 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है इनमें महिलाओं को प्राथमिकता प्रदान की जाती है। इसी प्रकार हर 23 दिसंबर को आयोजित होने वाले किसान सम्मान दिवस के अवसर पर तीन सर्वश्रेष्ठ प्रगतिशील महिला कृषकों को सम्मानित भी किया जाता है।

कृषि क्षेत्र में महिलाओं द्वारा की जा रही मेहनत एवं सहभागिता को देखते हुए यह अच्छा होगा कि कृषकों को दिए जाने वाले अनुदान एवं अन्य प्रोत्साहनो में इस प्रकार का परिवर्तन किया जाए, ताकि महिलाओं के एकल एवं संयुक्त स्वामित्व वाली भूमि के लिए ज्यादा अनुदान और प्रोत्साहन की व्यवस्था हो सके, ऐसा करने से घर की महिलाओं का भी नाम कृषकों के रूप में भू अभिलेखों में पुरुषों के साथ संयुक्त रूप से जुड़वाने को बढ़ावा मिलेगा साथ ही कृषि कार्य के दौरान महिला किसानों को भी वे सभी सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगे जो एक पुरुष कृषक को सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।

इस मौके पर ड्रेगन फ्रूट, मशरूम, स्ट्रावेरी उत्पादन तथा जैम, जेली एवं मुरब्बा बनाने की तकनीकी जानकारी देकर प्रगतिशील महिला कृषको का क्षमता विकास किया गया। एनआईसी में उप कृषि निदेशक जय प्रकाश, जिला कृषि अधिकारी अमित चौबे, जिला उद्यान अधिकारी हरि शंकर, उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव, सन्ध्या सिंह, पूनम मौर्य, दीपा गुप्ता, रोमा, दुर्गा मौर्य आदि मौजूद रही।
Mar 08, 2021

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