जौनपुर : दीप प्रज्ज्वलित कर मनाया गया बसन्त पर्व
खुटहन।
मुलायम सोनी
तहलका 24×7
क्षेत्र अंतर्गत कुशहां घनश्यामपुर स्थित श्री समरथ्थी राजाराम दिव्यांग बालिका शिक्षण संस्थान में बच्चों ने विधि विधान से माँ सरस्वती की पूजा अर्चना किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि वसंत पञ्चमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू का त्योहार है इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं।
वहीं अमर सिंह ने बताया कि प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा जाता था उनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम था। जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों में सरसों का फूल मानो सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर मांजर (बौर) आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। भंवरे फूलों पर मंडराने लगते।
वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती हैं। इसी को वसंत पंचमी का त्यौहार कहा जाता है।प्रबंधक अजय सिंह ने कहा कि शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है। इस अवसर पर वीरेंद्र यादव, विष्णुकांत तिवारी, आशीष दुबे, अंकित रजक, जीतेन्द्र तिवारी, ओमनारायण सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।कार्यक्रम का सञ्चालन अमर सिंह ने किया।
Feb 16, 2021