जौनपुर : राम भक्त ले चला रे राम की निशानी, शीश पर खड़ाऊ अंखियों में पानी
# भातृत्व प्रेम में विह्वल भरत को देख भर आईं आंखें
खुटहन।
मुलायम सोनी
तहलका 24×7
आदर्श रामलीला धर्म मंडल उसरौली शहाबुद्दीनपुर के कलाकारों द्वारा शनिवार की रात अभिनीत की गई। रामलीला में पिता राजा दशरथ की अंत्येष्टि के बाद चित्रकूट जाते विह्वल भरत मार्ग में जो भी श्रीराम का पता बताता उसमें उन्हें अपने भैया का स्वरूप दिखने लगता। वो झुककर पैर पकड़ने लगते। चित्रकूट में चारों भाइयों का मिलन देख दर्शक जयकार लगाने लगते हैं।
लाख जतन के बाद भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अयोध्या वापस लौटने को तैयार नहीं हुए तो भरत ने अयोध्या के सिंहासन के लिए उनकी चरण पादुका मांग लिया। जिसे सिर माथे पर रख अश्रु धारा बहाते हुए गुरु और माताओं के साथ जब भरत वापस अयोध्या लौटने लगते हैं, उनकी दशा देख दर्शकों की आंखें भर आईं। पर्दे के पीछे से राम भक्त ले चला रे राम की निशानी, शीश पर खड़ाऊ अंखियों में पानी, करुण गीत सुन दर्शक सिसकियां लेने लगे। रामलीला में सूर्पणखा का अभिनय करने वाले सांवले शर्मा, हास्य कलाकार राधेश्याम उपाध्याय और अजय महराज के अभिनय को खूब सराहा गया।
रामलीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि बदलापुर विधायक रमेश चन्द्र मिश्रा ने फीता काटकर आरती कर शुभारंभ किया। विधायक ने कहा कि आज के परिवेश में सनातन धर्म को अधिक जागृत करने में रामलीला की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि कुछ रावण रूपी आसुरी शक्तियां हमारे सनातन धर्म पर लगातार प्रहार कर रही हैं। कुछ लोग धोखे में आकर उनके भ्रमजाल में फंस भी जा रहे हैं। ऐसे कुत्सित प्रयासों को हम तभी रोक पायेंगे जब हमें अपने धर्म का विधिवत ज्ञान और विश्वास होगा। कहा कि धर्म हमें सद्मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते हुए लक्ष्य तक पहुंचने की प्रेरणा देता है। हिंसा सभी पापों का मूल है। अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है। इस मौके पर संगम पाण्डेय, कमलेश पांडेय, मुन्ना पाण्डेय, अखिलेश उपाध्यय, अर्पित कुमार, हर्षित पाण्डेय, विवेक उपाध्याय, शिवम सिंह आदि मौजूद रहे। संचालन प्रियतोष पाण्डेय ने किया।