जौनपुर : शहीदों के सपनों का भारत आज तक नहीं बन पाया- कामरेड जयप्रकाश
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
नगर के सामाजिक, राजनीतिक, संगठनों, मजदूर यूनियनों, शिक्षकों के साथ ही छात्रों, नौजवानों ने मंडी नसीब खां स्थित शहीद भगत सिंह पार्क जा कर जंग-ए-आजादी के अमर क्रांतिकारी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ ही सुखदेव, राजगुरु के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजली दी गई।
साथ ही क्रांतिकारियों का सुप्रसिद्ध नारा इंकलाब जिंदाबाद, शहीदों तेरे अरमानों को- मंज़िल तक पहुंचाएंगे के गगनचुंबी उद्घोष से पूरा नगर देशभक्ति से ओतप्रोत हो गया। सोमवार की सांय एक मशाल जुलूस का आयोजन सद्भावना पुल से भगत सिंह पार्क तक किया गया। मशाल जुलूस के दौरान शहर में चार जगहों पर जन संवाद भी किया गया। सद्भावना पुल पर जुलूस के चलने से पहले ही एक जन संवाद किया गया, यहाँ अपनी बात रखते हुए कामरेड जय प्रकाश सिंह ने कहा कि भगत सिंह जब जिंदा थे तो ब्रिटिश हुकूमत उनसे घबराती थी अब भगत सिंह शहीद हो गये तो उनके विचारों से देश की हर हुकूमत घबराती है, शहीदों के सपनों का भारत आज तक बन ही नहीं पाया आज के समय की पीढ़ी का यह कर्तव्य है कि वह भगत सिंह व उनके साथियों का गहन अध्ययन कर उनके रास्ते पर चल कर शोषण परक व्यवस्था को बदल कर शोषण विहीन समाज की स्थापना करें।
सद्भावना पुल से मशाल जुलूस जब चहारसू चौराहे पर पहुँचा तो वहाँ भी कामरेड विजय प्रताप सिंह ने जनसंवाद में अपनी बात रखते हुए कहा कि आज सरकार देश के समस्त संसाधनों को निजी हाथों में सौंप रही है जो सिर्फ और सिर्फ पूँजीवादी साम्राज्यवाद को ही बढ़ावा देता है देश के क्रांतिकारियों ने अपने नारों से ही साम्राजवाद, पूँजीवाद का विरोध किया था, लेकिन आज की सरकार पूंजीवाद, साम्राजवाद की गोद में ही बैठ गयी है।
चहारसू चौराहे से यात्रा जब कोतवाली चौराहे पर पहुंची तो यहाँ भी जन संवाद किया गया। यहां पर अपनी बात रखते हुए कामरेड प्रवीण शुक्ला ने कहा कि देश में दो धारा साफ दिखाई पड़ रही है एक वह है जो वर्तमान शोषणकारी व्यवस्था को बनाये रखना ही नहीं चाहती है बल्कि इसे और मजबूत करने के लिए हर तरह के हथकंडों का सहारा ले रही है, दूसरी तरफ वह धारा है जो पूँजीवाद, साम्राजवाद की दमनकारी राज सत्ता को उखाड़ फेक कर मजलूमों, मेहनतकशों की जिंदगी को बेहतर बनाने वाली व्यवस्था स्थापित करने के पक्ष में है। वहीं अपनी बात रखते हुए साथी लाल प्रकाश राही ने कहा कि आज जो सबसे जरूरी चीज है वह यह कि हम भगत सिंह को सिर्फ आदर्श के रूप में ही न देखे हमें उनके चिंतन को अपनाकर समाज के अंदर भगत सिंह की विचारधारा को पहुँचने की जरूरत है, हमें क्रांतिकारी साहित्य जन जन तक ले जाना ही होगा तभी हम यह व्यवस्था बदल सकते है, इसके बाद मशाल जुलूस भगत सिंह पार्क के लिए रवाना हुआ।
भगत सिंह पार्क पहुँच कर सभी ने अपनी अपनी कैंडिल भगत सिंह की प्रतिमा के चारो तरफ लगा कर सभा किया सभा को संबोधित करते हुए अधिवक्ता मंजू शास्त्री ने किसानों के आंदोलन को ताकत देने के लिए सभी को एक साथ खड़े होने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार सब कुछ पूँजी के हाथ में सौंप देने को आमादा है इन्हें देश के किसानों, मजदूरों, छात्रों, नौजवानों, कर्मचारियों से कोई वास्ता नहीं है। इसी क्रम में कामरेड नीरज श्रीवास्तव, किरण शंकर सिंह रघुवंशी, समेत कई लोगों ने अपने विचार रखे।
इसके पश्चात एक मिनट का मौन रख कर शहीदों को श्रद्धांजली देकर नमन करते हुए शपथ लिया गया कि आगे बढ़े की यह कारवाँ यहीं नही ठहरेगा शहीदों के अरमानों को मंजिल तक पहुँचकर ही ठहरेगा। इस अवसर पर उदल यादव, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद शुक्ला, शिक्षक नेता लक्ष्मी सिंह, पूर्व शासकीय अधिवक्ता मेहदी रज़ा, जे पी मौर्य, नीलेश यादव, श्रीपत सिंह, वेद प्रकाश यादव, प्रदीप कुमार, विजय, राजेश, भोले विश्वकर्मा, बादल, समेत कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थिति रहे।
Mar 23, 2021