जौनपुर : सत्ता की लोलुपता में मानसिक संतुलन खोते जा रहे हैं स्वामी प्रसाद
# हिंदुओं को नीच कहकर करोड़ो सनातनियों का किया अपमान
नौपेड़वा।
दीपक श्रीवास्तव
तहलका 24×7
अयोध्या के तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि एन केन प्रकारेण सत्ता सत्ता हासिल करने की लोलुपता में स्वामी प्रसाद मौर्या अपना मानसिक संतुलन खोते जा रहे हैं। उसने हिन्दुओं को नीच कहकर सनातनियों का अपमान किया है। जिसका दंड उन्हें जरूर मिलेगा। उन्होंने श्री मौर्या की तुलना हिरण्यकश्यप राक्षस से करते हुए उनकी पुत्री भाजपा सांसद संघमित्रा को प्रहलाद के रूप में बताया। कहा कि संघमित्रा को ऐसे पापी पिता का परित्याग कर देना चाहिए। उक्त बातें अयोध्या से वाराणसी जाते समय धनियांमऊ बाजार स्थित बाबा बालक दास के आश्रम पहुंच उनसे मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों पूर्व इन्हीं की पार्टी की शीर्ष नेत्री श्रीमती डिम्पल यादव ने एक प्रश्न के जवाब में खुद को हिन्दू और सनातनी बताया था। श्री मौर्या उनकी बातों का भी आदर नहीं कर सके। वह ऐसे बयान देकर देश में भय और अस्थिरता का माहौल पैदा कर एकता और अखंडता को तोड़ना चाहते हैं। जो देशद्रोह की श्रेणी का अपराध है। मांग किया कि प्रकरण का न्यायपालिका को खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।

जगद्गुरु ने कहा कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है। साधु हमेशा धर्म के लिए लड़ा है। जिसके नाते हम भी लड़ने को तैयार बैठे हैं। हिंदुराष्ट्र और सनातन धर्म के हिमायती परमहंस ने कहा कि इन दोनों की रक्षा के लिए चाहे प्राण भी देना पड़े हम सदैव तैयार हैं। ज़िक्र किया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बिगड़ैल बेटे उदयनिधि स्टालिन ने भी सनातन के खिलाफ जहर उगला था। हमने तब भी घोषणा की थी और आज भी कह रहा हूं कि उसका गला काटकर लाने वाले को मेरी तरफ से 10 करोड़ रूपए दिए जायेंगे। मेरे खिलाफ तमिलनाडु में कई संगीन मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। लेकिन मैं आज भी अपनी कही बातों पर अटल हूं।