नये अमेरिकी राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रम्प, अगले साल बांग्लादेश की सत्ता में फिर लौट सकती हैं शेख हसीना!
कैलाश सिंह
राजनीतिक संपादक
नई दिल्ली/ कोलकाता।
तहलका 24×7 विशेष
# ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने और कमला हैरिस की पराजय से भारत का लेफ्ट लिबरल इको सिस्टम हुआ हताश, अब मोदी का ‘युद्ध, नहीं, बुद्ध का समय’ वाला रुस में दिया गया संदेश पकड़ेगा रफ्तार।
# साल 2025 में रुस-युक्रेन युद्ध रुकने और इजराइल-ईरान के बीच शुरु हुआ युद्ध भी पड़ेगा मन्द। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मो. युनुस की हालत भी हुई त्रिशंकु सरीखी, वहां की अर्थ व्यवस्था भी बदलेगी।
# अपने चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी हिंदुओं से किया था वायदा: यदि मुझे जीत मिली तो अमेरिका, भारत ही नहीं, दुनिया के किसी भी देश में रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा की जाएगी।
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अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव का असर दुनिया के सभी विकासशील देशों पर होता है, खासकर एशियाई देशों पर तो सर्वाधिक पड़ता है। वहां हुए चुनाव प्रचार के अंतिम चरण, नवम्बर महीने के पहले हफ्ते में डोनाल्ड ट्रम्प और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर होने की खबर से भारत का लेफ्ट कमला की जीत को लेकर खासा उत्साहित था। लेकिन उनकी उम्मीद पर डोनाल्ड की जीत ने पानी फेर दिया, वहीं राष्ट्रवादी और विकास की सोच रखने वालों की उम्मीद को पंख लग गए।
ठीक इसी तरह पाकिस्तान के मंसूबे भी पीओके और बांग्लादेश को लेकर जो थे वह भी ध्वस्त हो गए। बिना प्रधानमन्त्री वाले बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मो. युनुस की स्थिति त्रिशंकु सरीखी हो चली है। उनकी टीम भी हताशा के आगोश में आ गई। वहां के हिन्दू समेत अन्य अल्पसंख्यकों में खुशी व्याप्त होने की खबर मिल रही है। क्योंकि ट्रम्प ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिकी हिंदुओं से वायदा किया था कि मुझे जीत मिली तो अमेरिका, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में रहने वाले हिंदुओं को सुरक्षा मिलेगी।
डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर दोबारा कार्यभार जनवरी 2025 में सम्भालेंगे। अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नये साल में एक बार राष्ट्रपति रह चुके डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा सत्ता सम्भालने के बाद दुनिया के ‘कूटनीतिक गलियारे’ में बड़ा बदलाव नजर आयेगा। कूटनीतिक विशेषज्ञों और राजनीतिक विश्लेषकों को जो सम्भावना नजर आ रही है उसके संकेत भारत-बांग्लादेश को लेकर सबसे पहले मिलेंगे।
बीते पांच अगस्त को बांग्लादेश में हुए तख्ता पलट के दौरान भारत में सुरक्षित लाई गईं वहां की कथित अपदस्थ प्रधानमन्त्री शेख हसीना को अगले साल फिर वहां की सत्ता हासिल हो जाए तो हैरत नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो वहां की चौपट हुई अर्थ व्यवस्था दोबारा पटरी पर लौट आएगी। साथ ही भारत के आर्थिक महाशक्ति बनने यानी विकास की रफ्तार तेज होने की संभावना को बल मिलेगा।
दरअसल डोनाल्ड ट्रम्प भी विकासवादी सोच रखते हैं। वह युद्ध की बजाय आर्थिक मजबूती पर अधिक बल देते हैं, उनकी इसी सोच के सांचे से यही संभावना नजर आती है कि सबसे पहले रुस-युक्रेन के बीच दीर्घ अवधि से जारी युद्ध पर विराम लगेगा। ईजराइल-ईरान के मध्य हाल ही में शुरु हुए युद्ध की रफ्तार भी थमेगी अथवा उसे दूसरी दिशा मिलेगी। इस तरह हथियारों की होड़ की बजाय विकास की प्रतिस्पर्धा बढ़ने की प्रबल सम्भावना डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर जताई जा रही है।