नये शासनादेश से बेसिक शिक्षा माफ़िया गैंग में मची खलबली!
# पुरोहित गैंग का नया पैतरा: मसाज पार्लर का बोर्ड उखड़ा, अब भूमिगत सेंटर में आनलाइन बुकिंग! फोन से होने लगी ग्राहकों से धंधे की वार्ता।
# बेसिक शिक्षा विभाग को आया नया शासनादेश, बग़ैर अवकाश लिए गायब रहने वाले शिक्षकों के लिए नपेंगे बीएसए, बीइओ और प्रधानाध्यापक।
कैलाश सिंह-
विशेष संवाददाता
वाराणसी/लखनऊ।
तहलका 24×7 विशेष
बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन प्रदेशभर में चलने वाले प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य से ‘विरत रहने और इतर कार्य में लिप्त रखने की आदत’ की परम्परा दरअसल वही लोग डाले हैं जिनको नये शासनादेश में स्कूलों से बिना छुट्टी लिए गायब रहने वाले शिक्षकों के लिए जिम्मेदार बनाया गया है। इन तीन जिम्मेदार लोगों में प्रदेश के सभी जिलों में तैनात बीएसए, सम्बन्धित बीईओ और प्रधानाध्यापक हैं। प्रदेश के सभी जनपदों में बेसिक शिक्षा की खस्ता हालत के लिए यही जिम्मेदार लोग उत्साही शिक्षकों को पढ़ाने ही नहीं देते हैं, इसका प्रमाण गोरखपुर जोन के एक जिले में पांच वर्ष पूर्व तब मिला जब एक शिक्षक किराए के मकान में रहते हुए स्कूली बच्चों को फ्री ट्यूशन और विद्यालय में बेहतर शिक्षा के बल पर छात्र संख्या बढ़ा दिया। इसके बाद शिक्षा माफ़िया के इशारे पर उस शिक्षक को परेशान किया जाने लगा। जब खबर मीडिया की सुर्खियों में आई तब माफ़िया पीछे हटे।
जौनपुर की बानगी प्रदेशभर के लिए आईना है। इस बार राज्य पुरस्कार की लिस्ट से यह जनपद वंचित है, क्योंकि बीएसए के घर से लेकर दफ्तर तक के सभी कार्य सम्भालने वाले शिक्षक जैसों को राज्य पुरस्कार के लिए नामित किया जाता रहा है। जौनपुर के पुरोहित गैंग का रिश्ता बेसिक शिक्षा परिषद से इसलिए जुड़ा क्योंकि इस गैंग का लीडर ढाई दशक से खुद शिक्षक रहते हुए कथित पत्रकार के तमगे के बल पर कभी विद्यालय नहीं गया और अब तक पांच बार निलम्बित हो चुका है। विगत चार साल से जनपद के होला चौकिया पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सम्बद्ध है। लेकिन विद्यालय गए बगैर आधा वेतन फर्जी हलफनामे से लेता जा रहा है। इसके साथ कई कथित पत्रकार और ऊपर तक रसूख रखने वाले जुड़े हैं। यह खुद एक पत्रकार संघ का पदाधिकारी भी संघ के जन्म से बना बैठा है। इस दौरान इसने परिजन के नाम से फ्लैक्स प्रिंटिंग कम्पनी के जरिये नगर पालिका के एक साल वाले विज्ञापन टेंडर को हासिल करने के बाद कागजी खेल से उसे 11 साल बना दिया। इसके जरिये इसने चार साल में 33 विज्ञापन साइट से प्रदेश सरकार को 36 लाख 96 हजार की राजस्व चपत लगाई है। इन साइटों पर हमजातीय कथित माननीयों को फ्री होर्डिंग सेवा देता है, अब वही लोग स्कैम की जांच रिपोर्ट से होने वाली कार्यवाही से बचाने के लिए डीएम तक सिफारिश में लगे हैं। इसने पीडब्ल्यूडी से अनुमति लिए बग़ैर शहर के नईगंज से लेकर कचहरी आदि तक एक दर्जन से अधिक स्थानों पर खंभे लगाने को डिवाइडर छः महीने पूर्व तोड़ दिये थे, डीएम की डांट के बाद वह अब गड्ढे बन्द करके उसे सीमेंट से ढाल रहा है। इन खंभों पर होर्डिंग लगाने की उसकी योजना फेल हो गई।
पुरोहित गैंग लीडर के अन्य धंधों में मसाज पार्लर सबसे चोखा पैसा पैदा करने लगा था, इसी बीच मीडिया की नजर पड़ी और यह सेंटर भूमिगत कर लिया गया। इसके बोर्ड उखाड़ लिए गए और सैंडविच मसाज की सुविधाओं की आनलाइन बुकिंग शुरु कर दी गई। गैंग लीडर ने जिसे मसाज पार्लर का संचालक बनाया है वह जुए में गिरफ्तार हो चुका है। ट्रैवेल्स की टैक्सियों को प्राइवेट टैक्सी बनाकर काल गर्ल, ग्राहकों, नेता बनने आये लक्ष्मी पुत्रों यानी धनिकों के काम में लगा दिया है। इस गैंग ने कई होटलों को भी अपने धंधे में साट लिया है।
गैंग लीडर के शिक्षा माफ़िया ग्रुप में लगभग डेढ़ सौ बेसिक शिक्षक हैं जो विद्यालय जाने की बजाय अन्य धंधे करते हैं। डिग्री कॉलेज और पूर्वांचल विवि के कुछ शिक्षक भी इस ग्रुप से जुड़े हैं, वह इन धंधों से दूर रहकर लाभ लेते हैं और हम जातीय संगठन के लिए साइलेंट वर्क करते हैं। इसके अलावा अन्य कथित पत्रकार, शिक्षक, भू-माफ़िया ग्रुप में सेवाएं देते हैं। कई जमीन कब्जा के साथ सूदखोरी में लगे हैं। एक भू माफ़िया, कथित पत्रकार और शिक्षक के झील वाले भवन में निजी बैंक का दफ्तर भी खुला है। यह खुद पत्रकार बनकर विकास भवन में दलाली और सेटिंग करता है, लेकिन अपनी मूल नौकरी प्राथमिक शिक्षक के रुप में सिरकोनी ब्लॉक के विद्यालय नहीं जाता है। नये शासनादेश का विस्तृत अगली कड़ी में मिलेगा।
क्रमशः………….