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Saturday, January 18, 2025

नये साल में नई उम्मीद: भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष, कांग्रेस को मुस्लिम वोट बैंक! 

नये साल में नई उम्मीद: भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष, कांग्रेस को मुस्लिम वोट बैंक! 

# अतीत बने 2024 ने योगी आदित्यनाथ को ‘हिंदुत्व का बड़े चेहरे’ के रुप में स्थापित किया, नरेंद्र मोदी को राष्ट्रवादी ख्याति मिली, सम्भल दूसरी अयोध्या की राह पर तीर्थ स्थल बनने की ओर, कांग्रेस की तरफ मुस्लिम वोट बैंक के झुकाव से लोकसभा की दूसरी बड़ी विपक्षी पार्टी सपा का हिन्दू आस्था पर हमला उसकी बौखलाहट का नतीजा। 

कैलाश सिंह
राजनीतिक संपादक
लखनऊ/नई दिल्ली
तहलका 24×7 
               अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से नया साल 2025 उम्मीदों का पिटारा लेकर आ रहा है, लेकिन बीता साल 2024 भी उससे कमतर नहीं रहा है। कई दलों को फिर मजबूत राजनीतिक जमीन मिली तो कुछ के पांव तले की जमीन खिसक गई। एक साल वर्तमान से अतीत हो रहा है तो दूसरा भविष्य से वर्तमान बनकर उम्मीदों की पटकथा लिखने को तैयार है।
इस एपिशोड में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक घटनाओं का जिक्र प्रमुख रुप से किया जा रहा है, जिसमें किसी को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य नहीं है।
सबसे पहले अतीत हो रहे 2024  पर नजर डालते हैं, तो समूचे देश में सड़कों का जाल बिछने से आवागमन के साथ उद्योगों को बढ़ावा मिला। इसमें बिजली आपूर्ति व्यवस्था चुस्त होने से खासकर यूपी में निवेश बढ़ा है, साथ ही इसमें सख्त कानून व्यवस्था सहायक बनी है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कानून सम्मत त्वरित निस्तारण क्षमता के चलते जहां बुल्डोजर मशहूर हुआ वहीं उनके दिये नारा ‘बंटोगे तो कटोगे’ ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति हासिल करके उन्हें सनातन हिंदुत्व चेतना को जागृत करने वाला बड़ा चेहरा का स्वरुप प्रदान कर दिया। दंगा विहीन प्रदेश बन चुके यूपी के सम्भल में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने की बजाय मुस्लिम समुदाय के कुछ अराजक तत्वों ने पथरबाजी करके उपद्रव को दंगे की शक्ल दे दिया। लेकिन यही सम्भल अब दूसरी अयोध्या का तीर्थ स्थल बनने की तरफ अग्रसर है।
दुनिया के बड़े संगठन में शुमार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सनातन संस्कृति का भारतीयकरण करने के साथ अंतर्राष्ट्रीय फलक पर इसे पहुंचाया। सनातन पर दिये गए अपने वक्तव्य से उन्होंने जाति, धर्म, संप्रदाय को परे रखा। लोकसभा चुनाव में संघ व भाजपा में जारी गतिरोध का असर चुनाव परिणाम में दिखा, इसके बाद कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम ने दोनों संगठनों के बीच बेहतरीन समन्वय का प्रमाण भी दे दिया। हालांकि मोहन भागवत द्वारा हाल ही में दिये गए बयान ‘हर मस्जिद के नीचे मन्दिर खोजने से सामाजिक समरसता प्रभावित होगी और विवाद बढ़ेगा’, इसे लेकर कुछ हिन्दूवादी समूहों ने विरोध भी दर्ज कराया। पांच अगस्त को बांग्लादेश में हुए तख्ता पलट, वहां की पीएम शेख हसीना को सुरक्षित शरण देकर भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने श्रीमती हसीना के साथ अपने राष्ट्रवादी चेहरे को अंतर्राष्ट्रीय फ़लक पर स्थापित कर दिया। बांग्लादेश के हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों ने खुद पर हो रहे अत्याचार का विरोध जब सड़कों पर आकर किया तो दुनिया भर में रह रहे हिंदुओं को एक नई दिशा और ताकत मिली जिसने हिंदू चेतना को अंतर्राष्ट्रीय पैमाने पर जागृत कर दिया l हिंदुओं की सुरक्षा की गारन्टी अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान दी l
भारतीय राजनीति में खारिज होने की कगार पर पहुंची कांग्रेस ने दशकों बाद अकेले दम पर 99 सीटें लाकर नेता प्रतिपक्ष का तमगा भी हासिल कर लियाl यूपी को लेकर भाजपा के अंदरखाने मची कलह का फायदा समाजवादी पार्टी को मिला लेकिन विस उपचुनाव और हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखण्ड और जम्मू कश्मीर के  विधानसभा चुनाव में यह तस्वीर भी साफ़ हो गई कि मुस्लिम वोट बैंक फ़िर से कांग्रेस की झोली में आ गया हैl देश भर में की गई यात्रा से कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की छवि गम्भीर नेता के रूप में उभरी और वह संसद में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर आसीन हुए l दूसरी तरफ सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक रास्ते को अपनाते हुए हिन्दू आस्था पर चोट करने लगे l सम्भल की घटना के मद्देनज़र वह मुस्लिम वोट बैंक को बचाने को कवर फ़ायर करने लगे जो उनकी हताशा और इंडिया गठबंधन के टूटने का संकेत भी है l
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के हाथ से कट्टर ईमानदार का तमगा फिसल गया और कट्टर बेईमान की मुहर उनके सिर पर मंडरा रही है l जेल से जमानत पर आने के बाद उनके प्रति जन सहानुभूति भी खत्म हो गई l उनकी सीएम की कुर्सी भी चली गई, अब अगली परीक्षा नये साल के फरवरी माह में होगी l यहां भी इंडिया गठबंधन दरक गया है, क्योंकि आप और कांग्रेस के अलग होकर मैदान में आने से यहां त्रिकोणीय लड़ाई में बीजेपी को फ़ायदा मिलने की संभावना प्रबल होती दिख रही है l
नये साल की नई उम्मीदों में सबसे पहले जनवरी माह में भाजपा के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने की प्रबल उम्मीद है l इनमें संजय जोशी का नाम शीर्ष पर हैl वह संघनिष्ठ हैं और उनमें सांगठनिक क्षमता सर्वाधिक है l हालांकि अध्यक्ष के नाम की घोषणा आरएसएस और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की संयुक्त सहमति से होनी है l
 इसके बाद फरवरी में दिल्ली और साल के अंत नवम्बर में बिहार विधानसभा चुनाव होंगे l दोनों चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के अगुवाई वाले सहयोगी दलों की ताकत की आजमाइश देखने को मिलेगी l देश में जनगणना और परिसीमन को तैयार खाका भी लागू होगा l इसी के जरिये बढ़ी सीटों पर महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षित सीटें मिलेंगी, साथ में ‘एक देश एक चुनाव’ के लिए यदि अध्यादेश पास हुआ तो वह भी लागू होगा l राजनीतिक विश्लेषकों को निष्कर्ष यह दिख रहा है कि 2025 राष्ट्रीय पार्टियों के साथ क्षेत्रीय व नये दलों के भविष्य की पटकथा लिखेगा l

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