पुलिस ने तहरीर लेखक को भी मुकदमे में कर दिया शामिल
खुटहन, जौनपुर।
मुलायम सोनी
तहलका 24×7
तहसील मुख्यालय हो या दीवानी, कलेक्ट्री कचहरी यहां पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अधिवक्ता आसानी से मिल जाते हैं। लेकिन थाना गेट के पास या बैंक परिसर में अक्सर गांव के कम पढ़े-लिखे लोग तहरीर या धन निकासी व जमा फार्म भरवाने के लिए दूसरों से मदद ले लिया करते हैं। यहां कोई वकील नहीं होता। लोग मानवतावश उनकी मदद भी कर दिया करते हैं। इसके उलट स्थानीय थाने में पीड़ित के दुख दर्द को शिकायती पत्र के माध्यम से लिपिबद्ध करने वाले को ही पुलिस ने मुकदमे में शामिल कर दिया।

आरोप है कि तहरीर लेखक को शामिल करने का मुख्य कारण है कि तहरीर पुलिस के मन माफिक नहीं लिखी गई।मामला उसरौली गांव का है। जहां दलित अखिलेश को गांव के ही कुछ मनबढ़ों ने पुरानी रंजिश को लेकर मारपीट कर घायल कर दिया। पीड़ित न्याय की गुहार लेकर थाने पहुंचा तो उसे तहरीर देने को कहा गया। वह बाहर किताब कापी की दुकान के संचालक संतोष शर्मा के पास आकर प्रार्थना पत्र लिखने का आग्रह किया। उन्होंने उसकी पीड़ा को शब्दों के माध्यम से तहरीर में लिख दिया।

आरोप है कि पहले तो पुलिस ने तहरीर बदलवाने को कहा। संतोष शर्मा का आरोप है कि उन्होंने इन्कार कर दिया तो मुकदमे में लेखक दिखाकर उनका नाम भी शामिल कर दिया गया।इस संबंध में थानाध्यक्ष दिव्य प्रकाश सिंह ने बताया कि लेखक का नाम मुकदमे में नहीं होना चाहिए। इसको लेकर मुंशी व अन्य जिम्मेदारों से बात की जा रही है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।