23.1 C
Delhi
Tuesday, December 5, 2023

बीएचयू में डाक्टरों की हड़ताल से इधर उधर घूमते रहे मरीज

बीएचयू में डाक्टरों की हड़ताल से इधर उधर घूमते रहे मरीज 

# 7000 मरीज निराश लौटे, 50 फीसदी ऑपरेशन टले

वाराणसी।
तहलका 24×7
            बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी में बुधवार की देर रात पिटाई के विरोध में जूनियर रेजिडेंट (जेआर) व सीनियर रेजिडेंट (एसआर) ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया। ओपीडी में मरीज नहीं देखे और कुछ सीनियर डॉक्टरों की ओपीडी भी बंद करा दी। इससे मरीज व उनके तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। पहले से तय करीब 50 फीसदी सामान्य ऑपरेशन टल गए। अस्पताल के अलग-अलग विभागों की ओपीडी में आने वाले करीब 7,000 मरीजों को निराश लौटना पड़ा। रोजाना 10,100 मरीज ओपीडी में आते हैं, लेकिन बृहस्पतिवार को 3100 को ही इलाज मिल सका। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं चली हैं। गंभीर ऑपरेशन भी हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल लंबी चली तो स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा जाएंगी। ऑपरेशन टालने पड़ेंगे। इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित होंगी।
अस्पताल की इमरजेंसी में बुधवार की रात पांच जूनियर डॉक्टरों को पीटा गया था। मेडिसिन डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष प्रो धीरज किशोर व डॉ विवेक श्रीवास्तव बीच बचाव करने पहुंचे तो उनसे भी बदसलूकी की गई। आरोप है कि सगे-संबंधियों का इलाज कराने आए बीएचयू के छात्रों ने ही डॉक्टरों को पीटा है। बहरहाल, इस घटना से नाराज जेआर-एसआर ने बृहस्पतिवार की सुबह से ही कामकाज ठप कर दिया। साथ ही इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईएमएस) निदेशक के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। वरिष्ठ डॉक्टरों के भरोसे ओपीडी तो चली, लेकिन हड़ताल का असर ज्यादा दिखा। उनका कहना था कि जूनियर डॉक्टरों को टारगेट करके पीटा जा रहा है। आरोपी युवकों की गिरफ्तारी न होने तक ओपीडी व वार्ड में ड्यूटी नहीं करेंगे। इमरजेंसी में काम करते रहेंगे। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो इमरजेंसी सेवाओं को ठप करने के लिए विवश होना पड़ेगा।

# पर्चा कटवाया, फिर पता चला हड़ताल है

बीएचयू में रोजाना वाराणसी और आसपास के जिलों के साथ ही बिहार, झारखंड आदि जिलों से मरीज आते हैं। बृहस्पतिवार की सुबह पंजीकरण काउंटर पर लाइन में लगकर मरीज व उनके तीमारदारों ने पर्चा कटावाया। ओपीडी में पहुंचे तो पता चला कि जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ओपीडी हाॅल में हृदय रोग, न्यूरोलॉजी, मेडिसिन, टीबी एंड चेस्ट सहित कई विभागों में पहुंचकर जूनियर डॉक्टरों ने सीनियर डॉक्टरों (आईएमएस के शिक्षक) से ओपीडी में न बैठने की अपील की, लेकिन वे नहीं माने। सीनियर डॉक्टरों ने मरीजों को देखा।

# ओपीडी हाॅल की कुर्सियां खाली, पैथालॉजी काउंटर पर भी सन्नाटा

बृहस्पतिवार की दोपहर ओपीडी हॉल में अधिकांश कुर्सियां खाली रहीं। ओपीडी के गलियारे में मरीज और तीमारदार भी कम ही दिखे। प्रथम तल पर मेडिसिन विभाग की ओपीडी में जूनियर और सीनियर रेजिडेंट के कमरों में ताला बंद रहा।

# कहीं स्ट्रेचर पर तो कहीं जमीन पर बैठे रहे मरीज

जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की वजह से सबसे अधिक परेशानी मरीजों को हुई। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी के बाहर तक मरीज स्ट्रेचर पर ही पड़े रहे। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के भूतल पर ओपीडी के बाहर मरीजों के तीमारदार नीचे जमीन पर बैठे रहे। यहां अधिकांश मरीजों को डॉक्टर स्ट्रेचर पर ही भर्ती कर देख रहे थे।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

लाईव विजिटर्स

35816190
Total Visitors
314
Live visitors
Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम..."सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

हरदोई : विक्षिप्त पति का हाथ-पांव बंधवाकर पत्नी ने फेंका सड़क पर

हरदोई : विक्षिप्त पति का हाथ-पांव बंधवाकर पत्नी ने फेंका सड़क पर हरदोई, लखनऊ। तहलका 24x7            ...

More Articles Like This