भारतीय मूल्यों पर आधारित हो शिक्षा : ए. विनोद
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सह. संयोजक व भारत सरकार में शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा निगरानी समिति के सदस्य ए. विनोद ने गुरुवार को विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ संवाद किया।मुख्य अतिथि ए. विनोद ने कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था भारतीय मूल्यों पर आधारित होनी चाहिए। देश को बदलने के लिए समाज को बदलना होगा।

इसके लिए शिक्षा व्यवस्था में भी बदलाव कर भारतीयता को लाना होगा। इसी उद्देश्य के साथ शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय विचारों को अपनाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है। जब शिक्षा जगत में भारतीयता की सोच होगी तभी देश उन्नति कर सकेगा।उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरु तभी बनेगा जब हम मां, मातृभूमि, मातृभाषा को अपनाएंगे। शिक्षा सिर्फ ज्ञान के लिए नहीं होनी चाहिए। यह तभी पूर्ण होगी जब इसमें मूल्य, कौशल और भारत की ज्ञान परंपरा का समावेश होगा।

इस अवसर पर न्यास के काशी प्रांत के संयोजक डॉ. विवेकानंद उपाध्याय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि न्यास का लक्ष्य है शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यों और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना। हम अपनी पहचान इस बात में ढूंढ रहे हैं कि हम अपने शिक्षा प्रोजेक्ट के माध्यम से विभिन्न समुदायों को शिक्षा के महत्व को समझाने, समृद्धि के माध्यम से स्वतंत्रता को बढ़ाने और संस्कृति को समृद्ध बनाने में सहायता कर सकें। कहा शिक्षा में नए विकल्प की जरूरत है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉ. विनोद जायसवाल ने कहा कि देश की शिक्षा को भारतीय जनमानस के अनुरूप बनाने के लिए हमें चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का समग्र विकास, मूल्यपरक शिक्षा के साथ वैदिक गणित, शिक्षा में स्वायत्तता, तकनीक शिक्षा के साथ इतिहास की शिक्षा और भारतीय दृष्टि पर चिंतन करना होगा।

इस अवसर पर प्रो. राजकुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. श्याम कन्हैया, मंगला प्रसाद, डॉ. आलोक दास, डॉ. इंद्रजीत, डॉ. दिनेश कुमार सिंह, अमित मिश्र, रोशन राय, मणि राय आदि उपस्थित रहे।