माता-पिता और बहन के हत्यारे को मिली सजा-ए-मौत
धनेखली, हुगली।
तहलका 24×7
पश्चिम बंगाल में माता-पिता और बहन की निर्मम हत्या करने के आरोप में जेल में बंद एक व्यक्ति को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। मामला हुगली जिले के धनखेली गांव का है। हत्यारे ने परिवार के सदस्यों की हत्या करने के बाद उसने सुसाइड करने की कोशिश की थी। हालांकि वह किसी तरह बच गया था। हत्यारे का नाम प्रमथेश घोषाल है।
मामले में तीन साल की सुनवाई के बाद चिनसुराह कोर्ट जिला कोर्ट हुगली के जज संजय कुमार शर्मा ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे मौत की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषी प्रमथेश को पूरे परिवार की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई है। घोषाल परिवार लंबे समय से धनेखली थाना क्षेत्र के दशघरा गांव के पालपारा में रहता था। प्रमथेश के बुजुर्ग पिता, माता और बहन वहीं रहते थे। प्रमथेश पेशे से होम ट्यूटर था।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार 8 नवंबर 2021 को जब नौकरानी उनके घर पर काम पर आई तो उसे घर के अंदर से कोई आवाज नहीं आई। जिसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी। बाद में घर से पिता आशिम घोषाल (68), मां सुभ्रा घोषाल (60) और बहन पल्लवी चटर्जी (38) के खून से लथपथ शव बरामद किए गए। इस दौरान प्रमथेश ने सुसाइड करने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उसे घायल अवस्था में बचाकर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया। घटना में पल्लवी के पति पार्थ चटर्जी ने धनेखाली थाने में हत्या की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आगे की जांच शुरु की।
जानकारी और सबूत जुटाने का काम शुरु हुआ। अस्पताल में घायल प्रमथेश के ठीक होते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, तब से प्रमथेश जेल में है।
सरकारी वकील शंकर गांगुली ने बताया कि मामले में कुल 14 लोगों की गवाही हुई है। मामले के दौरान आरोपी जेल में था। हत्या की गंभीरता को देखते हुए न्यायाधीश ने उसे फांसी की सजा सुनाई है।
उन्होंने कहा कि घटना के जांच अधिकारी सुजीत मैती ने अच्छा काम किया है। पुलिस ने समय पर चार्जशीट दाखिल की, जिसकी वजह से मुकदमा इतनी जल्दी पूरा हो पाया। हुगली के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कामनाशीष सेन ने कहा कि सभी को न्यायालय और न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखना चाहिए। अपराध कितना भी बड़ा क्यों न हो, सजा उचित ही होगी।