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Wednesday, February 19, 2025

मिर्जापुर : टनल में फंसा ‘लाल’ आया सकुशल बाहर, भगवान ने सुनी दुआ

मिर्जापुर : टनल में फंसा ‘लाल’ आया सकुशल बाहर, भगवान ने सुनी दुआ

# बेटे की एक झलक पाने को मिर्जापुर में बेताब परिवार

मिर्जापुर, लखनऊ।
तहलका 24×7
              गत 12 नवंबर से उत्तराखंड टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों को रेस्क्यू करने की प्रक्रिया 17वें दिन पूरी हुई। रेस्क्यू को लेकर मिर्जापुर वासियों की दिल की धड़कन बढ़ी रही। टनल में फंसे मिर्जापुर जिले के युवक अखिलेश की सुरक्षित वापसी को लेकर अदलहाट में रह रहा परिवार टकटकी लगाए टीवी देखता रहा। साथ ही फोन से संपर्क कर रेस्क्यू में लगने वाले समय इत्यादि की जानकारी भी लेता रहा। गांव में भी लोग अखिलेश की सुरक्षा को लेकर भगवान से कामना करते देखे गए। दीपावली के दिन हुए टनल हादसे में फंसे मजदूरों व अन्य कर्मियों में से एक मिर्जापुर जिले के अदलहाट थाना क्षेत्र के घरवासपुर गांव का भी युवक है। युवक के टनल से बाहर आने की खबर मिलते ही परिजनों के चेहरे खिल उठे।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में दीपावली के दिन बड़ा हादसा हुआ। टनल का 50 मीटर हिस्सा धंस जाने से 41 मजदूर फंस गए। उन सभी को निकालने के लिए 17 दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चला। टनल हादसे में फंसे 41 लोगों में से एक मिर्जापुर जिले के अदलहाट थाना क्षेत्र के घरवासपुर गांव निवासी अखिलेश कुमार (27) पुत्र रमेश भी है। जानकारी मिलने के बाद से ही गांव और परिवार वाले परेशान थे। अखिलेश कुमार तीन वर्ष से नवयुगा कंपनी में काम करता हैं।
वहां पर वह सुपरवाइजर के पद पर है। उत्तराखंड में स्टोर इंचार्ज के पद पर कार्यरत अखिलेश के मामा विजय सिंह ने जब परिजनों को हादसे की जानकारी दी तो पूरा परिवार ईश्वर से पुत्र की सलामती की प्रार्थना कर रहा था। सूचना मिलते ही परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव में दीपावली का त्योहार फीका पड़ गया था। अखिलेश सिंह अपने दो भाई एक बहन में सबसे बड़ा है। दूसरे नंबर की बहन सोनाली की शादी हो चुकी है। छोटा भाई अवधेश कुमार सिंह की शादी अभी नहीं हुई है।

# गर्भवती पत्नी और हृदय रोगी दादा को अखिलेश का इंतजार

अखिलेश कुमार की मां अंजू सिंह ने बताया कि अखिलेश की शादी निधि सिंह से लगभग दो वर्ष पूर्व हुई है। इस हादसे की जानकारी बहु निधि व दादा बेनी प्रसाद सिंह को बहुत दिनों तक नहीं दी गई थी। बहू के गर्भवती होने के कारण उससे कई दिनों तक यह बात छिपाया गया था। लगभग 80 वर्षीय दादा बेनी प्रसाद सिंह अपने पौत्र अखिलेश से बहुत स्नेह करते हैं। जो हृदय रोगी है, इसलिए उनसे भी हादसे की जानकारी काफी दिनों तक छिपाई गई थी।

# पाइप लाइन के जरिए मामा ने की थी अखिलेश से बात

अखिलेश की मां अंजू सिंह ने बताया कि उनका भाई विजय सिंह कई वर्षो से उत्तराखंड की कंपनी में कार्यरत है। उनकी बात अखिलेश से पाइप लाइन के जरिए हुई थी। टनल में फंसे सभी लोगों को खाना, पानी और ऑक्सीजन दिया जा रहा था। अब वह जब बाहर आ गया है तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।

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