यौन उत्पीड़न में फंसे प्रोफेसर पर केस दर्ज, दूसरा मुकदमा मारपीट का भी, जांच में जुटी पुलिस
# विश्वविद्यालय द्वारा गठित जांच समिति भी आरोपी प्रोफेसर की कुंडली खंगालने में जुटा
जौनपुर।. एखलाक खान तहलका 24×7. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बीएससी पर्यावरण विज्ञान विभाग के संविदा शिक्षक प्रो. सुधीर कुमार उपाध्याय के खिलाफ प्रथम वर्ष की एक छात्रा द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल में जुटी है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब छात्रा ने शिक्षक के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई, जोकि पहले से विवादों में घिरे रहे हैं।

इससे पहले भी शिक्षक पर कई छात्राओं ने यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए थे। लेकिन वे मामले विश्वविद्यालय के दायरे में ही सुलझा लिए गए और पुलिस तक नहीं पहुंचे थे। पीड़ित छात्रा की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से गठित जांच कमेटी भी आरोपों की जांच में जुटी है।

पहली बार ऐसा हुआ है कि छात्रा ने साहस दिखाते हुए कानूनी रास्ता अपनाया। मामले में विश्वविद्यालय आरोपी शिक्षक के गृहनजपद बलिया से उसकी कुंडली निकालने में जुटा है। छात्रा की हिम्मत और अन्य छात्र संगठनों के समर्थन ने मिलकर प्रो. सुधीर कुमार उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त किया है। छात्राओं के बीच प्रोफेसर का इतना खौफ था कि उनके खिलाफ आवाज उठाना मुश्किल था।

छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया है कि पर्यावरण विज्ञान विभाग के संविदा शिक्षक प्रो. सुधीर कुमार उपाध्याय उसे रोजाना शाम 7:30 से 8 बजे के बीच फोन करते थे। फोन पर वे अश्लील बातें करने का प्रयास करते थे और बार-बार वीडियो कॉल करने का दबाव डालते थे। उन्होंने कई बार छात्रा से यह भी पूछा कि उसने क्या पहना हुआ है, और जब छात्रा ने बताया कि उसने शॉर्ट्स पहन रखे हैं, तो प्रोफेसर ने वीडियो कॉल करने की जिद की।

यह कहते हुए कि वह देखना चाहते हैं कि शॉर्ट्स कहां पहने हैं। आरोप है कि प्रोफेसर ने उसे कई बार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और अन्य छात्रों के सामने भी उसे अपमानित किया। वे अक्सर कक्षाओं में समय पर नहीं आते थे और अनुचित आचरण में लिप्त रहते थे। छात्रा ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षक एक गंदी मानसिकता के व्यक्ति हैं और उनके व्यवहार के कारण कई छात्राएं परेशान रही हैं। छात्रा ने विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

दूसरी ओर विश्विद्यालय के बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के तरसावां गांव निवासी सुमित पुत्र शोभनाथ ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि प्रोफेसर की शिकायत करने वाली छात्रा की मदद करने पर मेरे साथ मारपीट की गई। छात्र का आरोप है कि वह विश्वविद्यालय से घर के लिए निकला जहां रास्ते में तीन की संख्या में नकाबपोश हमलावरों ने उसकी बाइक को रोककर उसे मारपीट कर मरणासन्न कर दिया।

घटना में प्रो. सुधीर उपाध्याय की साजिश बताया है। पुलिस ने छात्र की तहरीर पर भी संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर जांच में जुटी है।बताते चलें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब प्रो. सुधीर कुमार उपाध्याय पर गंभीर आरोप लगे हैं। 2020 से लेकर अब तक कई छात्राओं ने उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई हैं। 2020 में प्रोफेसर पर आरोप लगे थे कि वे कक्षाएं सही ढंग से नहीं लेते थे, अन्य शिक्षकों की बुराई करते थे और रिश्वत मांगते हैं।

इसी साल एक और छात्र ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसमें व्हाट्सएप पर अनुचित मैसेज, कॉल और फोटो-वीडियो की मांग करने की बातें सामने आई थी। 2022 में भी एमएससी की एक छात्रा ने मानसिक उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार की शिकायत की थी, जिसमें प्रोफेसर पर अनुचित कॉल और मैसेज भेजकर परेशान करने का आरोप था।

मामले में थाना प्रभारी राजनारायण चौरसिया ने बताया कि छात्रा और छात्र की शिकायत के आधार पर प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपी प्रोफेसर की पिछली गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। पुलिस इस मामले में गहन छानबीन कर रही है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यौन उत्पीड़न समिति की अध्यक्ष प्रोफेसर नुपुर गोयल द्वारा पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। लेकिन अभी तक कमेटी द्वारा कोई रिपोर्ट विश्वविद्यालय को नही सौंपी गयी है।