रसूख पर भारी पड़ा न्याय…
# पुलिस ने दी मोहलत तो न्यायालय ने भेजा जेल
# जमीन लोभी के भाई को जेल जाने से भाइयों में दहशत
शाहगंज।
एख़लाक खान
तहलका 24×7
वक्फ सम्पत्ति को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फ़र्जी बैनामा कराने वाले किराएदार ने दूसरे किराएदार पर भाइयों की लामबंदी करके जानलेवा हमला कर दुकान खाली कराने का दबाव बनाने और अपने रसूख के चलते मनचाही धाराओं में मामले को रफा-दफा करने का सपना न्यायपालिका ने तब चकनाचूर कर दिया जब कथित भू माफिया का भाई जेल की चारदीवारी में कैद हो गया। अनगिनत अनाचार के बाद परिवार के एक व्यक्ति का जेल जाना पहली इबारत है। फ़िलहाल परिवार के लोग भाई को सलाखों से बाहर लाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं।

नगर के एराकियाना चौक पर वक्फ बोर्ड की बेशकीमती जमीन पर हुए निर्माण में दुकानें संचालित हैं। इन्हीं दुकानों में मोहल्ला निवासी शाहिद एराकी चिकन बर्रा हाऊस चलाते हैं। दूसरी तरफ नदीम अहमद की दुकान है। आरोप है कि नदीम पुत्र स्व. हाजी अनीस एराकी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वक्फ सम्पत्ति को अपने नाम रजिस्ट्री करा लिया। 25 अक्टूबर 2019 को एक तरफ का रास्ता बंद करने पर शाहिद ने इसका विरोध किया तो स्व. हाजी अनीस एराकी के पुत्रगण नदीम और उनके भाइयों नफीस, रईस, शीश, फहीम ने शाहिद पर जानलेवा हमला कर दिया। स्थानीय स्तर पर अधिकारियों के बीच नदीम के भाइयों की पकड़ और रसूख के चलते तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रहे जय प्रकाश सिंह ने गम्भीर रूप से घायल शाहिद को ही बिना उपचार कराए पूरी रात थाने में बैठाए रखा।

फिलहाल काफी दबाव के चलते पुलिस ने मामला तो दर्ज किया लेकिन विवेचना के नाम पर केस को लटकाए रखा। पीड़ित वाराणसी में उपचार कराने के बाद न्याय पाने के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली। कोर्ट की फटकार के बाद विवेचना अधिकारी रहे कोतवाल जेपी सिंह ने जांच के दौरान नदीम के भाइयों का नाम निकलकर नदीम को आरोपी बनाते हुए हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी। न्यायालय सत्र न्यायाधीश जौनपुर की कोर्ट में तीन दिन पूर्व दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद माननीय न्यायाधीश ने आरोपी नदीम को जेल भेज दिया। नदीम को जेल जाने पर हर किसी की जुबान पर एक ही चर्चा है कि रसूख पर न्याय भारी पड़ा। फिलहाल आरोपी के भाई के जमीन कारोबार में बड़े बड़े कारनामों की भी चर्चा भी आम है।