रामकथा में लंका दहन और अयोध्या वापसी का प्रसंग सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु
शाहगंज, जौनपुर।
एखलाक खान
तहलका 24×7
नगर के शाहपंजा स्थित श्री संगत जी मंदिर में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के सातवें दिन भरत का राम की चरण पादुका लेकर अयोध्या लौटने और लंका दहन का प्रसंग प्रस्तुत किया गया। पूर्वांचल के प्रसिद्ध कथा वाचक और अंतर्राष्ट्रीय कलाकार पंडित दुर्गविजय मिश्र द्वारा सुनाई गई कथा को सुनकर रामभक्त भावविभोर हो उठे। जय श्री राम के नारों से प्रांगण गूंज उठा।

पंडित दुर्गविजय मिश्र ने श्रीराम, लक्ष्मण और सीता के वन गमन के बाद की कथा भक्तों को सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान राम के आदेश पर उनकी चरण पादुका लेकर अयोध्या वापस लौटे राजा भरत ने पादुकाओं को सिंहासन पर रखकर राजपथ का कार्य देखने लगे।

कथावाचक ने नवधा भक्ति पर प्रकाश डालते हुए भक्तों को रामचरितमानस से सीखने की सलाह दी। उन्होंने अशोक वाटिका का वर्णन किया। लंका में हनुमान के प्रवेश और सोने की लंका को आग लगाने की कथा लोगों ने बड़े रुचि से सुनी।

कथा आयोजक अनिल मोदनवाल ने कार्यक्रम में पहुंचे विधायक रमेश सिंह का स्वागत किया। इस मौके पर डॉ. एसएल गुप्ता, शिवेंद्र मोदनवाल, भुवनेश्वर मोदनवाल, दीपक, राधेमोहन अग्रवाल, नारायण अग्रहरि समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।