लखनऊ : रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी के खाते से साइबर ठगों ने उड़ाए 30 लाख
लखनऊ।
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जानकीपुरम में रहने वाले सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी को जालसाज ने ट्रेजरी अफसर बन 30 लाख की चपत लगा दी। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है। इसके अलावा साइबर जालसाजों ने तीन अन्य लोगों के खाते से 3.33 लाख रुपये उड़ा दिए। पीड़ितों ने पीजीआई, कृष्णानगर और पारा थाने में केस दर्ज कराया है।
जानकीपुरम सेक्टर आई निवासी सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी राकेश चंद्र का बचत खाता भारतीय स्टेट बैंक जवाहर भवन शाखा में है। सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी जीपीएफ की राशि इसी खाते में जमा थी। एक हफ्ते पहले एक अनजान व्यक्ति ने राकेश को फोन किया। खुद को ट्रेजरी ऑफिसर कुलदीप बताते हुए उसने बातों में फंसाकर राकेश से पेंशन और इंटरनेट बैंकिंग संबंधी सूचनाएं हासिल कर लीं। शक होने पर राकेश बैंक गए और लिखित शिकायत कर अपना खाता फ्रीज कराया। बैंक अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि अब कोई लेन-देन नहीं हो सकता।
बीते सोमवार को राकेश बैंक गए और प्रार्थनापत्र देकर इंटरनेट बैंकिंग चालू करने का अनुरोध किया। बैंककर्मियों ने एक दिन बाद बुलाया। वह दोबारा बैंक गए और योनो एप्प चालू कर खाता चेक किया तो पता चला कि खाते से 29,99,899 रुपये निकले हैं। ये रकम शनिवार, रविवार व सोमवार को ही निकाली गई थी। राकेश चंद्र का आरोप है कि बैंक अधिकारियों की लापरवाही से उनके साथ ठगी हुई। उन्होंने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है।
इसके अलावा पीजीआई के वृंदावन सेक्टर 11ए निवासी नीरज को बीते सोमवार को जालसाज ने बैंककर्मी बन कॉल की। बातों में फंसाकर खाते से 1.16 लाख रुपये उड़ा दिए। वहीं, कृष्णानगर के शिवम पार्क निवासी लक्ष्मीकांत के अनुसार कुछ दिन पहले एक कॉल आई। फोनकर्ता ने कस्टमर केयर कर्मी बन एक एप डाउनलोड करा उनकी पत्नी रचना के खाते से 99,731 रुपये गायब कर दिए। इसके अलावा पारा के देवपुर निवासी विवेक ने बताया कि व्हाट्सएप पर पार्ट टाइम जॉब का मैसेज आया। जालसाज ने रिव्यू का टास्क पूरा कर कमाई का झांसा दिया। जालसाज ने पहले कुछ रुपए दिये और अन्य टास्क के नाम पर 1,18,400 ऐंठ लिए।