10.1 C
Delhi
Saturday, January 18, 2025

शहीद सैनिक की विधवा को अदालत में घसीटने पर सरकार को फटकार, लगाया 50 हजार का जुर्माना

शहीद सैनिक की विधवा को अदालत में घसीटने पर सरकार को फटकार, लगाया 50 हजार का जुर्माना

नई दिल्ली।
तहलका 24×7 
               सैन्य सेवा के दौरान शहीद हुए सैनिक की विधवा को उदारीकृत पारिवारिक पेंशन के संबंध में न्यायालय में घसीटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के रवैये की अलोचना की। शीर्ष अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि निर्णय लेने वाले प्राधिकारी को सैनिक की विधवा के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए थी।जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) के आदेश को चुनौती देने वाली अपील दायर करने के लिए केंद्र सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
एएफटी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हुए सैनिक की विधवा को उदार पेंशन का आदेश दिया था। पीठ ने कहा, हमारे विचार में, इस तरह के मामले में प्रतिवादी को इस न्यायालय में नहीं घसीटा जाना चाहिए था, तथा अपीलकर्ताओं के निर्णय लेने वाले प्राधिकारी को सेवाकाल के दौरान जान गंवाने वाले शहीद सैनिक की विधवा के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए थी। इसलिए, हम 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव करते हैं, जो आज से दो महीने की अवधि के भीतर प्रतिवादी यानीशहीद सैनिक की विधवा को प्रदान किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता विक्रमजीत बनर्जी ने बताया कि उदारीकृत पारिवारिक पेंशन का संचालन रक्षा मंत्रालय के निदेशक पेंशन द्वारा जारी 31 जनवरी 2001 के आदेश द्वारा होता है। उन्होंने इस तथ्य को अदालत के समक्ष रखा कि 31 जनवरी 2001 के आदेश के पैराग्राफ 4.1 की श्रेणी डी और ई में दर्ज परिस्थितियों में सशस्त्र बल कर्मियों की मृत्यु के मामले में एलएफपी प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से, श्रेणी डी मृतक पर लागू नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मृतक का मामला श्रेणी ई के किसी भी खंड (clause) के अंतर्गत नहीं आता है।
कहा कि चूंकि मृत्यु कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट के कारण हुई थी, इसलिए इस मामले को सैन्य सेवा के कारण ‘शारीरिक दुर्घटना’ के रूप में वर्गीकृत किया गया था और प्रतिवादी को विशेष पारिवारिक पेंशन का भुगतान किया गया था।वहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि मृत्यु की तिथि पर मृतक ऑपरेशन रक्षक के तहत जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन के साथ तैनात था। वह नियंत्रण रेखा के निकट रंगवार गैप पर नियंत्रण के लिए एरिया डोमिनेशन पेट्रोल का हिस्सा था। वह रात एक बजे से 3.30 बजे तक ड्यूटी कर रहा था।
पीठ ने कहा कि कमांडिंग ऑफिसर द्वारा जारी प्रमाण पत्र में कई तथ्य दर्ज हैं, जैसे- सैनिक मृत्यु की तिथि पर अत्यधिक जलवायु परिस्थितियों में काम कर रहा था। वह ऑपरेशन रक्षक का हिस्सा था और वह एलओसी के करीब नियमित एरिया डोमिनेशन पेट्रोल का भी हिस्सा था। उस स्थान पर अत्यधिक विपरीत जलवायु परिस्थितियां थीं। जब मृतक की सांस फूलने लगी, तो उसकी हालत ऐसी थी कि उसे तुरंत निकालने की आवश्यकता थी। हालांकि, खराब मौसम के कारण हवाई मार्ग से तत्काल निकासी नहीं की जा सकी। बाद में उसे पैदल ले जाया गया और जब टीम उसे चौकीबल के एमआई रूम में ले गई, तो उसे मृत घोषित कर दिया गया।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

Loading poll ...
Coming Soon
क्या आप \"तहलका 24x7\" की खबरों से संतुष्ट हैं?
क्या आप \"तहलका 24x7\" की खबरों से संतुष्ट हैं?

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम... "सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

जुआ खेलते पांच गिरफ्तार, एक फरार, फड़ से 21 हजार रुपये और तीन बाइक बरामद

जुआ खेलते पांच गिरफ्तार, एक फरार, फड़ से 21 हजार रुपये और तीन बाइक बरामद खेतासराय, जौनपुर। अजीम सिद्दीकी तहलका 24x7. ...

More Articles Like This