संगम में नहाते समय अधिवक्ता समेत नौ लोग डूबे, पांच लापता
# एसडीआरएफ की टीम ने चार को बचाया, पांच की खोजबीन जारी
प्रयागराज।
तहलका 24×7
दारागंज में स्नान करने गए अधिवक्ता समेत नौ लोग रविवार शाम संगम में डूब गए। इनमें से चार को बाहर निकाल लिया गया लेकिन अधिवक्ता व चार छात्रों का पता नहीं चला। जल पुलिस संग एसडीआरएफ ने सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अंधेरा ज्यादा होने पर रात नौ बजे के करीब तलाश बंद कर दी गई। सोमवार को एक बार फिर से खोजबीन की जाएगी।

हादसा शाम को 6.30 बजे के करीब हुआ। मौसम के अचानक करवट लेने पर बड़ी संख्या में लोग संगम स्नान को पहुंचे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इस दौरान तेज आंधी आई और हवा के दबाव में बहाव तेज हो गया। बहाव की चपेट में आकर स्नान कर रहे कुल नौ लोग गहराई में जाकर डूबने लगे। शोरगुल मचा तो घाट पर मौजूद जल पुलिस के जवान व गोताखोरों ने नदी में छलांग लगा दी। उन्होंने चार लोगों को तो बचा लिया, लेकिन पांच अन्य लोग देखते ही देखते पानी में समा गए।

सूचना पर दारागंज पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई और डूबे लोगाें की तलाश में जुट गई। करीब ढाई घंटे तक खोजबीन चलती रही लेकिन कुछ पता नहीं चला। जिसके बाद तलाश बंद कर दी गई। दारागंज इंस्पेक्टर आशीष सिंह भदौरिया ने बताया कि कुल नौ लोग डूबे थे। इनमें से चार को तो बचा लिया गया लेकिन पांच अन्य का पता नहीं चला। स्थानीय गोताखोरों के साथ जल पुलिस व एसडीआरएफ के जवान भी लगे थे। सोमवार सुबह एक बार फिर से तलाश की जाएगी।

डूबने वालों में एडवोकेट महेश्वर वर्मा पुत्र छोटेऊ लाल वर्मा (23) निवासी मऊ, हालपता मुट्ठीगंज चीनी मिल, सुमित विश्वकर्मा पुत्र शिवमंगल विश्वकर्मा (18) निवासी सतना, मप्र हाल पता सीएमपी कॉलेज के पास, विशाल वर्मा पुत्र विजय वर्मा (18) निवासी मुंगेर, बिहार हाल पता दरभंगा कॉलोनी, जार्जटाउन, उत्कर्ष कुमार गौतम पुत्र विजय कुमार (19) निवासी सुल्तानपुर हाल पता बख्शीकला दारागंज एवं अभिषेक अग्रहरि पुत्र जगदीश अग्रहरि (17) निवासी सुल्तानपुर हाल पता बख्शीकला दारागंज हैं। डूबने वालों में महेश्वर अधिवक्ता हैं और हाईकोर्ट में किसी वकील के अधीन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। उधर सुमित व विशाल एनडीए परीक्षा की तैयारी करते हैं और पार्वती अस्पताल के पास स्थित कोचिंग में पढ़ते हैं। इसी तरह उत्कर्ष व अभिषेक एसएससी की तैयारी करते हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा तेज आंधी के चलते हुआ। दरअसल आंधी चलने के दौरान हवाओं के दबाव से अचानक पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि घाट पर सुरक्षा के लिए लगाई गई डीप वाटर बैरिकडिंग टूट कर बहने लगी। उधर संगम में स्नान कर रहे लोग भी इसी के साथ बहते चले गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बैरिकेडिंग न टूटती तो शायद स्नान कर रहे लोग इसमें ही फंस जाते और इससे वह बच सकते थे।