संघ की बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की लगी क्लास, दोनों संगठन में गतिरोध खत्म
# केरल के पलक्कड़ में संघ की तीन दिवसीय बैठक का दो सितम्बर को समापन, अब जम्मू- कश्मीर, हरियाणा विधान सभा चुनाव और यूपी की 10 सीटों के उप चुनाव की बूथवार कमान सम्भालेंगे स्वयं सेवक।
# तीन साल पूर्व महाराष्ट्र में भाजपा के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को डिमोट कर गठबंधन की सरकार में डिप्टी सीएम बनाने में भाजपा द्वारा संघ से नहीं ली गई सलाह तो दोनों संगठन में बढ़ती गई दूरी।
कैलाश सिंह
राजनीतिक संपादक
लखनऊ।
तहलका 24×7 विशेष
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के बीच तीन साल से बढ़ी दूरी आखिरकार इस साल एक सितम्बर को दूर हो गई। लेकिन इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सवालों के जरिए क्लास भी लगी। मौका था केरल के पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बैठक का।
31 अगस्त से दो सितम्बर तक चलने वाली इस बैठक में संघ की ओर से श्री नड्डा पर उनके एक बयान “अब भाजपा खुद इतनी सक्षम हो गई है कि उसे अब संघ या किसी संगठन की जरूरत नहीं है” इस एक बयान पर संघ के सवालों की बौछार से घबराकर उन्होंने अपने उस ‘आका’ का नाम ( मोदी नहीं) घुमाफिरा कर ले लिया जिसके इशारे पर उन्होंने लोकसभा चुनाव के मध्य में यह वक्तव्य दिया था।
दरअसल संघ का मानना है कि बीच चुनाव में ऐसे बयान की जरूरत ही नहीं थी, जिसके चलते भाजपा को देश भर में लगभग 50-55 सीटों का नुकसान हुआ। इस एक बयान से भाजपा के कोर वोटर ही नहीं, वह कार्यकर्ता और स्वयं सेवक भी घर बैठ गए जो तमाम घरों से वोटरों को निकालकर मतदान केंद्रों तक भेजने में अहम भूमिका निभाते हैं।संघ सूत्रों की मानें तो इस बैठक में भाजपा हाईकमान की वह गलतफहमी भी संघ ने दूर कर दी कि हरियाणा में पार्टी विधान सभा चुनाव जीत रही है।
जम्मू कश्मीर में लगभग 35 सीटें जीतकर हिन्दू सीएम बनाने का लक्ष्य भी रखा गया। सवाल केरल पर भी उठा कि यहां बीते लोस चुनाव में करीब 17 फीसदी वोट और एक सीट मिली। लेकिन तीन सौ से अधिक आरएसएस कार्यकर्ता भी मारे गए हैं, इसके लिए केन्द्र सरकार को समुचित कदम भी उठाने चाहिए। पलक्कड़ में बैठक इसलिए रखी गई क्योंकि यहां से भाजपा को इस बार करीब 24 फीसदी वोट मिले थे।संघ सूत्रों का कहना है कि इस तीन दिवसीय बैठक के दो दिनों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को विचलित करने वाले दोनों डिप्टी सीएम में केशव प्रसाद मौर्य पर भी सवाल उठे।
संघ ने बैठक में करीब ढाई दर्जन अपनी इकाइयों के लगभग 350 स्वयं सेवकों के बीच साफ किया कि यूपी में योगी का कोई विकल्प नहीं होगा, वह प्रदेश की सरकार निष्कंटक चलाएंगे।भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को यह संदेश दिया जा चुका है।हालांकि योगी संघ से नहीं हैं, लेकिन उनकी सनातन संस्कृति और हिंदूवादी सोच संघ से मिलती है। केशव प्रसाद मौर्य के दिल्ली वाले उन ‘आका’ जिनसे मिलकर यूपी लौटने पर वह बेतुकी बयानबाजी करते रहे, उन्हें भी बता दिया गया कि वह योगी की राह में ब्रेकर न बनें, मौर्य को नियंत्रण में रखें।
यूपी की 10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में सात से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर संघ कार्यकर्ता मैदान में उतर चुके हैं। हाल ही में संघ के कुछ पदाधिकारी सीएम योगी से मिलने भी पहुंचे थे। हरियाणा और जम्मू कश्मीर में भी कार्यकर्ता सक्रिय हो गए हैं। संघ की कार्यकारिणी से राम माधव को यह कहकर मुक्त कर दिया गया है कि अब पुनः उनकी वापसी संघ में नहीं होगी। ध्यान रहे कि भाजपा में 2019-20 तक राष्ट्रीय महामन्त्री रहे राम माधव संघ में फ़िर लौट आए थे। अब वह भाजपा में फिर गए हैं तो फिर कभी संघ में उनकी वापसी नहीं होगी। भाजपा में उन्हें फौरी तौर पर जम्मू कश्मीर का चुनाव प्रभारी बनाया गया है।