संभल हिंसा: हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल, डीएम, एसपी पर एफआईआर की मांग
प्रयागराज।
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संभल में हुई हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। अधिवक्ता शहेर नकवी और मो. आरिफ के अनुसार यह याचिका हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से दाखिल की गई।याचिका में इन अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की गई है। आरोप लगाया कि हिंसा में हुई मौतों के लिए सीधे तौर पर ये जिम्मेदार हैं।
याचिका में विशेष रुप से पुलिस फायरिंग की घटना का उल्लेख किया गया है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। याची का कहना है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।याची ने हाईकोर्ट से दखल देकर न्याय सुनिश्चित करने की मांग की है। इस हिंसा में प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एक अन्य जनहित याचिका दाखिल की गई थी।उस याचिका में हिंसा की जांच के लिए सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जज की निगरानी में एसआईटी गठित करने की मांग की गई।
एडवोकेट सहेर नकवी के मुताबिक इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने संभल के शाही जामा मस्जिद से जुड़े मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट को फिलहाल सील बंद रखा जाए और तब तक न खोला जाए जब तक हाईकोर्ट से कोई निर्देश न मिले।संभल की शाही जामा मस्जिद में एडवोकेट कमीशन से सर्वे कराने को लेकर हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की है। कैविएट वादी मुकदमा हरिशंकर जैन और पार्थ यादव ने दाखिल की है।
हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से मांग की है कि यदि मुस्लिम पक्ष कोई भी याचिका दाखिल करता है, तो बिना हिंदू पक्ष को सुने बिना उस पर कोई आदेश न पारित किया जाए। संभल के सिविल जज ने 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की अर्जी पर जामा मस्जिद का एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे कराने का आदेश दिया था। मस्जिद पक्ष की ओर से इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। माना जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में जल्द ही सिविल जज के फैसले के खिलाफ अपनी अर्जी दाखिल कर सकता है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने संभल मामले में मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने को कहा है।