सुल्तानपुर : गर्भवती की मौत से कटघरे में अस्पताल प्रबंधन
सुल्तानपुर।
तहलका 24×7
मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से हुई मौत एक दिन की नजरअंदाजी का मामला नहीं है। महिला अस्पताल में गर्भवती के भर्ती होने से लेकर बच्चे के जन्म तक होने वाली वसूली, ऑपरेशन तक में होने वाली वसूली आदि की शिकायतों को नजरअंदाज करने का यह नतीजा है। यदि अधिकारी सही समय पर इन शिकायतों को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करते तो शायद यह नौबत न आती।
इस मामले में सांसद मेनका गांधी ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को जो पत्र भेजा है। उसमें भी साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि इस अस्पताल को लेकर शिकायतें आती रहती हैं। जाहिर है शिकायतें सांसद तक पहुंच रही हों और उसकी जानकारी सीएमएस और प्राचार्य को न हो, यह संभव नहीं है। ऐसे में समय रहते ही सीएमएस और प्राचार्य सख्ती दिखाते तो इस तरह की अमानवीय स्थिति न पैदा होती।
# बिना पोस्टमार्टम दफनाया गया शव
चिकित्सकों की लापरवाही से जान गंवाने वाली अंबालिका का शव शुक्रवार को दफना दिया गया। परिजनों ने न तो पोस्टमार्टम करवाया और न ही उन्होंने कोई तहरीर दी। मृतका के पति सुनील के सूरत से आते ही परिजनों ने शव दफना दिया। बुधवार की रात गोसाईगंज थाना क्षेत्र के कटघरा गांव के सुनील वर्मा की 30 वर्षीय पत्नी अंबालिका वर्मा को प्रसव पीड़ा होने पर मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां वह रात भर चीखती रही लेकिन चिकित्सक उसे देखने तक नहीं आए और उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर दो चिकित्सक बर्खास्त किए गए थे। दो पैरामेडिकल निलंबित कर दिए गए थे जबकि दो पैरामेडिकल स्टाफ के निलंबन के आदेश भी डिप्टी सीएम ने दे दिए थे।
मृतका के ससुर रामकेश वर्मा ने बताया कि बहू की मौत सिर्फ अस्पताल प्रबंधन की वजह से हुई है। समय रहते इलाज शुरू हो गया होता तो बहू आज हम सब के बीच होती और तीन साल के बेटे रुद्र के सिर से मां का साया न हटता। वे पछताते हुए कहते हैं कि काश डॉक्टर और स्टाफ नर्स की आनाकानी के बाद हम दूसरे अस्पताल चले जाते तो यह नौबत न आती।
जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना ने बताया कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, वे खुद बेहद दुखी हैं। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की विभागीय जांच हो रही है। पांच दिन में इसकी रिपोर्ट आने पर इसे शासन को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि वे खुद भी समय-समय पर अस्पताल का औचक निरीक्षण करेंगी।