35.6 C
Delhi
Saturday, April 20, 2024

“एम्बुलेंस ई का होता है भाई !” इलाज के लिए मरीज को चारपाई पर ले आये आठ किमी

“एम्बुलेंस ई का होता है भाई !” इलाज के लिए मरीज को चारपाई पर ले आये आठ किमी

# बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं अभी कई क्षेत्र, तीमारदारों के पास फोन तक नहीं

लखनऊ/मिर्जापुर।
विजय आनंद वर्मा
तहलका 24×7
               आज एक फोन पर सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं लेकिन अभी भी कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं भी नहीं पहुंच पा रही हैं। उनका जीवन अभी भी अभाव और संघर्षों में उलझा हुआ है। शुक्रवार को मिर्जापुर जनपद के लालगंज थाना क्षेत्र के तिलांव गांव में उस समय लोगों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब कुछ लोग चारपाई पर मरीज को मरणासन्न हालत में स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे थे।

स्वास्थ्य केंद्र आठ किलोमीटर दूर था और मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी। इसलिए स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन लोगों ने लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्थान पर झोलाछाप के यहां ही मरीज को दिखाया। उन्हें एंबुलेंस सुविधा के बारे में भी पता नहीं था और किसी के पास फोन भी नहीं था। ग्रामीण या पड़ोसी कोई भी उनकी मदद को आगे नहीं आया।

क्षेत्र के तिलांव नंबर एक गांव निवासी बीमार सत्तू (42) को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली तो परिजन चारपाई पर ही घर से आठ किलोमीटर दूरी स्थित अस्पताल ले जाने लगे। इस परिवार के सामने आई मुसीबत का न तो गांव के ग्राम प्रधान ने संज्ञान लिया और न ही प्रशासन ने संज्ञान लिया।

पेट दर्द से कराह रहे सत्तू को परिजन आठ किलोमीटर की दूरी पर लालगंज अस्पताल तक जाने के लिए डोली खटोली से लेकर चल दिए। रास्ते में जितने भी राहगीर मिले, सभी लोग सहानुभूति जताते रहे पर किसी ने मदद नहीं की। परिजन आठ किलोमीटर दूर स्थित स्वास्थ्य केंद्र जा रहे थे पर मरीज की हालत बिगड़ने पर वे आस-पास कोई आसरा तलाशने लगे। इसके बाद एक झोलाछाप के यहां इलाज कराने पहुंचे। एम्बुलेंस के बारे में पूछने पर परिजनों ने बताया कि “एम्बुलेंस ई का होता है भाई” और मोबाइल फोन भी नहीं है हम लोगों के पास… रास्ते में किसी ने एंबुलेंस के लिए फोन नहीं किया। हम लोगों को नहीं पता था कि एक फोन पर एंबुलेंस मुफ्त में सेवा देती है।

बहरहाल… संचार क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति आने के बाद सभी के हाथ मोबाइल है और सारी सुविधाएं मोबाइल पर उपलब्ध है ऐसे में अभी कई ऐसे क्षेत्र भी है जहां मूलभूत सुविधाएं तक मयस्सर नहीं है तो यह तो विचारणीय प्रश्न है कि आखिर कैसे कुछ क्षेत्र अछूते रह गये हैं?? वहां के जनप्रतिनिधियों एंव प्रशासनिक अमलों की निष्क्रियता का प्रमाण है कि उनकी जाहिलियत के कारण अभी भी कुछ क्षेत्रों के लोग पाषाण युग में जी रहे हैं…

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

लाईव विजिटर्स

37048884
Total Visitors
519
Live visitors
Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम..."सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

थ्रेसर से उड़ रही धूल को लेकर भिड़े पड़ोसी, आठ पर केस 

थ्रेसर से उड़ रही धूल को लेकर भिड़े पड़ोसी, आठ पर केस  खुटहन, जौनपुर। मुलायम सोनी  तहलका 24x7          ...

More Articles Like This