जौनपुर : न्यायाधिकारी की सख्ती से लापरवाह अधिकारियों में बढ़ी बेचैनी
# परसों खेतासराय थानेदार को हौंका, कल खुटहन थानेदार का था नम्बर
# 20 मार्च को खुटहन थानेदार को न्यायालय ने किया है तलब
शाहगंज।
एख़लाक खान
तहलका 24×7
ग्राम न्यायालय द्वारा सख्त कार्रवाई के चलते लापरवाही बरतने वाले अधिकारीयों व कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। आये दिन कोई न कोई अधिकारी अपने कर्तव्य-विमुखता के चलते ग्राम न्यायालय द्वारा तलब किया जा रहा है। बुधवार को खेतासराय थानाध्यक्ष को कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाया था। शुक्रवार को खुटहन थानाध्यक्ष पर ग्राम न्यायालय की भाव-भंगिमा टेढ़ी हो गयी।
बताते चले कि ग्राम न्यायालय में चल रहे एक वाद में न्यायाधिकारी ने थानाध्यक्ष खुटहन राजेश कुमार यादव को गलत रिपोर्ट देने पर फटकार लगायी है। न्यायाधिकारी ने 20 मार्च को न्यायालय में स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।गौरतलब है कि भादवि की धारा 323, 504 के तहत स्टेट बनाम परमात्मा व अन्य के वाद में न्यायालय द्वारा प्रदीप कुमार सिंह पुत्र राजनारायण सिंह निवासी ग्राम सुतौली थाना खुटहन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। थाने से न्यायालय को आख्या प्राप्त हुई कि वारंटी अपनी चल अचल संपत्ति बेचकर सुल्तानपुर में रह रहा है। आख्या में ग्राम प्रधान का प्रमाण पत्र भी लगाया गया।
न्यायाधिकारी दिनेश कुमार दिवाकर ने इस जवाब पर नाराजगी जताते हुए अपने आदेश में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस को वारंटी के बारे में पूरी जानकारी है, लेकिन उसे अनुचित लाभ पहुंचाने की नीयत से गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि जब तक वारंट निष्पादित न हो जाए या अदालत उसे वापस न ले ले, तब तक वह अस्तित्व में रहता है। पुलिस को भारत के किसी भी कोने में उस वारंट के आधार पर गिरफ्तारी का अधिकार मिला है। उन्होंने कहा कि यह कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही है। न्यायालय द्वारा जारी आदेश को थाने पर गम्भीरता से नहीं लिया जाता। केवल खानापूर्ति करके वापस भेज दिया जाता है।
न्यायाधिकारी ने पूछा कि क्यों न आपके विरुद्ध भ्रष्टतापूर्ण प्रतिकूल रिपोर्ट देने पर भादसं की धारा 219 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया जाए। पुलिस अधिनियम की धारा 29 के तहत दण्डित किया जाए। लापरवाही के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया जाए। न्यायाधिकारी ने बीस मार्च को न्यायालय में पेश होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।