तेंदुआ की अफवाह झूठी, वन विभाग ने बताया फिशिंग कैट
शाहगंज, जौनपुर।
एखलाक खान
तहलका 24×7
क्षेत्र के ढंडवारा कलां गांव में तेंदुआ जैसा जानवर देखे जाने की खबर कोरी अफवाह निकली। गुरुवार को गांव पहुंची वन विभाग की टीम ने छानबीन की और निष्कर्ष निकाला कि जिस जानवर का वीडियो वायरल हो रहा था वो तेंदुआ नहीं, बल्कि फिशिंग कैट थी। यह बिल्ली की ही एक प्रजाति है, जो आकार में काफी बड़ी होती है और मछली, मेंढक जैसे जलीय जंतुओं को खाती है।

बता दें कि बुधवार को सोशल मीडिया पर क्षेत्र में तेंदुआ होने के वीडियो वायरल होने लगे। सोशल मीडिया पर दावे किए गए कि ढांढवारा कलां गांव में तेंदुआ खुलेआम घूम रहा है और लोग डर के मारे घरों में कैद हैं। जब पुलिस को इसकी सूचना मिली तो वन विभाग को सूचित किया गया। गांव वालों को आश्वस्त किया गया कि गुरुवार को वन विभाग की टीम गांव पहुंचकर जांच करेगी। इससे ग्रामीणों को थोड़ी राहत मिली थी।

जानकारी के मुताबिक गुरुवार को वन विभाग के रेंजर राकेश कुमार, वन दरोगा जयहिंद यादव और ईश्वर चंद समेत वन विभाग के दर्जनभर कर्मचारी ढंडवारा कलां गांव पहुंचे। ग्रामीणों से मिली जानकारी के आधार पर टीम ने छानबीन और जांच शुरू की। खासकर खेतों और झाड़ियों में सर्च अभियान चलाया गया। हांका भी लगवाया गया लेकिन कहीं तेंदुआ होने का कोई संकेत नहीं मिला।

जांच के बाद टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची कि जिस जानवर का वीडियो वायरल हो रहा है, वो दरअसल फिशिंग कैट है, जो एक बड़े आकार की बिल्ली होती है। डीएफओ प्रवीण खरे ने बताया कि ढंडवारा कलां में तेंदुआ होने की बात अफवाह थी। वहां जो जानवर दिखा था, वो फिशिंग कैट थी। वन विभाग ने फिशिंग कैट की तस्वीरें भी ग्रामीणों को दिखाई और उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की।








