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Sunday, July 7, 2024

दिल्ली में पक्ष-विपक्ष के लिए संसद बनी अखाड़ा, यूपी कैबिनेट में अपने ही शीत युद्धरत

दिल्ली में पक्ष-विपक्ष के लिए संसद बनी अखाड़ा, यूपी कैबिनेट में अपने ही शीत युद्धरत

# देश की संसद में एक दशक बाद सत्ता के सामने विपक्ष सवाल-जवाब में हर कदम पर घेर रहा है। उसी तर्ज पर दो धड़े में बंटा मीडिया भी अपने-अपने पक्ष में बाल की खाल उधेड़ रहा है। सत्ता और प्रतिपक्ष के नेताओं की फिसलती ज़ुबान और उनके बयान उछाले जा रहे हैं। उनके उठने बैठने पर भी बाज़ नजर है। 

# यूपी में मानसून सत्र से पूर्व सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट धडाधड़ जहां फैसले ले रही है वहीं डिप्टी सीएम केशव मौर्य का गैर हाजिर रहना भाजपा में कुछ बड़ी लड़ाई का संकेत माना जा रहा है। इसी पखवारे भाजपा कार्य परिषद की लखनऊ में बैठक होगी, उससे पहले यूपी की नौकरशाही में बृहद फेर बदल की खबर से हड़कंप है। 

कैलाश सिंह/अशोक सिंह
नई दिल्ली/लखनऊ
टीम तहलका 24×7 
                      देश का सर्वोच्च सदन ‘संसद’ एक दशक बाद पक्ष-विपक्ष का अखाड़ा बना हुआ है। अभी तक चल रही जुबानी जंग में मर्यादा बची है लेकिन नेताओं की फिसलती जुबान को पकड़ कर दो धड़े में बंटा मीडिया उठने बैठने तक पर बाज नजर रखते हुए उनके बयान को उछाल रहा है। दूसरी तरफ सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ही अखाड़ा बनती दिख रही है, हालांकि योगी कैबिनेट रुके विकास कार्यों और कानून व्यवस्था के मद्देनजर इस समय धडाधड़ फैसले ले रही है।
लेकिन, उनकी कैबिनेट के अहम सदस्य डिप्टी सीएम केशव मौर्य यहां से नदारत हैं और दिल्ली में कैम्प किए हैं।सूत्र बताते हैं कि अगले एक हफ्ते में यूपी की नौकरशाही में बड़े पैमाने पर फेर बदल होने जा रहा है। जबकि, इसी पखवारे के अंत में भाजपा की कार्य समिति की होने वाली बैठक में संगठन के साथ मंत्रिपरिषद में भी उलटफेर की संभावना जताई जा रही है।
दिलचस्प ये है कि दिल्ली के अखाड़े में यूपी कैबिनेट के पहलवान केशव मौर्य कर क्या रहे हैं? संसद में तो सत्ता के साथ प्रतिपक्ष सवालों के जरिए दो- दो हाथ कर रहा है, उसमें श्री मौर्य की इंट्री है नहीं, तो वह यूपी में अपनी विधानसभा सीट हारने के बावजूद डिप्टी सीएम बने हैं, तो कैबिनेट बैठक से खुद को क्यों दूर रखे हैं?यह सवाल राजनीतिक विश्लेषक ही नहीं प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को भी साल रहा है।
उधर भाजपा हाई कमान की परवाह किए बगैर सीएम योगी अपनी कैबिनेट पर पकड़ बनाते हुए नौकरशाही को भी मथने लगे हैंl। उन्होंने सबसे पहले दिल्ली के रिमोट से चलने वाले नौकरशाह मुख्य सचिव को चौथे सेवा विस्तार को रोककर अपने भरोसे के नौकरशाह मनोज कुमार सिंह को मुख्य सचिव बनाकर प्रदेश की नौकरशाही में फेर बदल का संकेत दे दिया।
सूत्र बताते हैं कि जितिन प्रसाद के सांसद होने के बाद खाली हुए पीडब्ल्यूडी मंत्रालय को केशव मौर्य हाई कमान के जरिए लेना चाह रहे हैं, या पार्टी में ही खुद हाई कमान की सीट चाहते हैं! दोनों स्थिति में 14 जून को लखनऊ में होने वाली भाजपा कार्य समिति की बैठक में स्पष्ट हो सकता है।
उधर संसद में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने जब मोदी के बीते दो कार्यकाल को लेकर सवालों की झड़ी लगाई और इंडिया गठबंधन का हिस्सा बने अखिलेश यादव सपोर्ट में खड़े हैं। टीएमसी सांसद महुआ ने भी सवाल किए तो पीएम मोदी के सीट से उठने, उनके द्वारा राहुल गांधी को बालक बुद्धि कहने, जवाब देते समय बार-बार पानी पीने और मुकाबला को मुहकाला जैसे बोले गए शब्दों को भी बड़ा बनाकर मीडिया का दूसरा धडा़ विपक्षी नेताओं के बयान को जोड़कर उछाल रहा है।
वहीं राहुल गांधी द्वारा मोदी, भाजपा और आरएसएस के हिंदू होने पर सवाल खड़े किए जाने, मणिपुर समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर मीडिया का पहला धडा़ (गोदी मीडिया) भी विपक्षियों की हर क्रिया-प्रतिक्रिया को उछाल रहा है। संसद में इस समय चल रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर 20-20 क्रिकेट मैच सरीखा लग रहा है।

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