देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत की मौत से देश भर में शोक की लहर
# राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, गृहमंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री व विपक्षी नेताओं ने व्यक्त किया शोक
# रावत व उनकी पत्नी का शव आज लाया जाएगा दिल्ली, डीएनए जांच से होगी शवों की पहचान
# गंभीर घायल कैप्टन वरुण सिंह का इलाज जारी
लखनऊ/चेन्नई/नई दिल्ली।
विजय आनंद वर्मा
तहलका 24×7
भारतीय सेना के सबसे बड़े अधिकारी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत की मौत की पुष्टि सेना द्वारा ट्वीट द्वारा कर दी गई है, इसके साथ ही सेना एवं देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है। जनरल विपिन रावत के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका एवं सेना के 11 अन्य अधिकारियों की भी हेलीकॉप्टर हादसे में दु:खद मौत हो गई। हेलीकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बचे हैं, जो गंभीर रूप से घायल हैं डाक्टर उन्हे बचाने में जुटे हुए हैं। कहा जा रहा है कि सभी शव इतनी बुरी तरह से जल गए हैं कि पहचान के लिए डीएनए जांच का सहारा लिया जाएगा।
राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह एवं अन्य केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, कांग्रेसी नेता राहुल गांधी व अन्य विपक्षी नेताओं ने हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। जनरल विपिन रावत क शव आज दिल्ली पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रृद्धाजंलि अर्पित करेंगे।
# ये सैन्य अधिकारी हेलिकॉप्टर में सवार थे…
हेलिकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल एस लिडेर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एनके गुरसेवक सिंह, एनके जितेंद्र कुमार, एनके विवेक कुमार, एनके बी साय तेजा, हवलदार सतपाल सवार थे। सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर दिल्ली लौट रहे थे। तभी एयरफोर्स का एमआई 17वी5 हेलिकॉप्टर नीलगिरी के जंगली इलाके में क्रैश कर गया। कार्यक्रम ऊंटी के वेलिंगटन में आयोजित किया गया था। वहां सीडीएस जनरल रावत लेक्चर देकर लौट रहे थे। ऊंटी वेंलिगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज है। हेलीकॉप्टर क्रैश की वजहों को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि शायद मौसम की खराबी और बादल की वजह से हेलिकॉप्टर के पायलट सही अनुमान लगाने से चूक गए और यह हादसा हो गया।
# प्रधानमंत्री ने लालकिले से किया था ऐलान…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का नया पद सृजित करने का ऐलान किया था। उसके बाद कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का नया पद बनाने को मंजूरी दी। भारतीय थल सेना के पूर्व प्रमुख जनरल विपिन रावत को पहले सीडीएस की जिम्मेदारी दी गई। उन्होने 31 दिसंबर 2019 को यह पद संभाला।
# पीढ़ियों से सेना में सेवाएं दे रहा परिवार…
देश के 27वें थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत सितंबर 2016 में भारतीय सेना के वाइस चीफ बने थे। रावत ने जनरल दलबीर सिंह के रिटायर होने के बाद भारतीय सेना की कमान 31 दिसंबर 2016 को संभाली थी। रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत थे जो कई सालों तक भारतीय सेना का हिस्सा रहे। जनरल बिपिन रावत इंडियन मिलिट्री एकेडमी और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में पढ़ चुके हैं। इन्होने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस सर्विसेज में एमफिल की है।