धर्मांतरण कराने वाला रैकेट बांटता था भगोड़े जाकिर नाइक की किताबें
# पुलिस ने इंटेलिजेंस समेत अन्य जांच एजेंसियों से साझा की जानकारी
प्रयागराज।
आर एस वर्मा
तहलका 24×7
माघ मेले में धर्मांतरण कराने वाला रैकेट भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की किताबें भी बांटता था। पुलिस की जांच में तो यह बात सामने आई है। रैकेट के गिरफ्तार सरगना व दो सदस्यों के कब्जे से बरामद साहित्य में भी जाकिर की एक किताब शामिल है। इस जानकारी को पुलिस ने इंटेलिजेंस समेत अन्य जांच एजेंसियों से भी साझा किया है।
खुलासे के दौरान पुलिस अफसरों ने बताया था कि आरोपियों के कब्जे से 204 किताबें बरामद हुई थीं। सूत्राें का कहना है कि जांच पड़ताल में एक बेहद अहम जानकारी सामने आई। पता चला कि बरामद किताबाें में से एक किताब भगोड़े जाकिर नाइक की भी है। इस किताब पर 2013 अंकित है।फिलहाल यह नहीं पता चल सका है कि इसका शीर्षक क्या था। हालांकि यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। मामले की विवेचना में जुटी दारागंज पुलिस की ओर से इसकी सूचना आईबी समेत अन्य जांच एजेंसियों काे दी गई है।
गौरतलब है कि जाकिर नाइक कई साल से देश से बाहर है। उसे भड़काऊ भाषण देने के चलते भारत में प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी है। 2016 में नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर विभिन्न धार्मिक समुदायों और समूहाें के बीच दुश्मनी, घृणा व अन्य नकारात्मक भावनाओं को फैलाने और समूह के सदस्यों को प्रोत्साहित और सहायता करने के आरोप लगे थे। इसके बाद भारत में इस संगठन को गैरकानूनी घाेषित कर दिया गया था। नाइक फिलहाल मलेशिया में रहता है।
धर्मांतरण रैकेट से बरामद साहित्यों की जांच केे बाद एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या सरगना महमूद हसन गाजी खुद भी किताबें लिखता था। दरअसल उनके कब्जे से बरामद 204 किताबों में से एक में लेखक के तौर पर महमूद हसन गाजी लिखा हुआ है। यह किताब 2004 में लिखी गई। फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि यह वही है या किसी अन्य व्यक्ति ने इस किताब को लिखा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड और स्पेशल टास्क फोर्स भी इस मामले की पड़ताल में जुट गई हैं। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों की कॉल डिटेल रिपोर्ट के अलावा बैंक खातों में विदेश से हुई फंडिंग का ब्यौरा भी दोनों जांच एजेंसियां जुटाने में लगी हुई हैं। इससे पहले गिरफ्तारी के बाद दोनों एजेंसियों के अफसरों ने भी आरोपियों से गहनता से पूछताछ की थी।
इस संदर्भ में अपर पुलिस उपायुक्त अपराध सतीश चंद्र ने बताया कि मामले से जुड़े हर पहलू की बेहद गंभीरता से जांच की जा रही है। जो भी तथ्य या साक्ष्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।