नीट मामला : सुप्रीमकोर्ट की एनटीए को चेतावनी, गलती हुई तो स्वीकार करें
नई दिल्ली।
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नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ियों और पेपर लीक की शिकायतों को लेकर सड़क से अदालत तक उतरे छात्रों का दर्द सुप्रीम कोर्ट ने भी महसूस किया। एससी ने मंगलवार को नीट-यूजी में गड़बड़ियों के बारे में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत भी लापरवाही हुई है तो उस की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और केंद्र सरकार से कहा कि इन सभी मामलों को प्रतिकूल मुकदमेबाजी की तरह नहीं लिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने डॉक्टर बनने का सपना संजोए नीट के लिए कड़ी मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों की व्याकुलता समझते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं कि इन परीक्षाओं के लिए बच्चे कितनी मेहनत करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सिस्टम से धोखाधड़ी कर डॉक्टर बनने वालों से समाज को होने वाले खतरे के प्रति सचेत करते हुए कहा कि उस स्थिति की कल्पना करें, जहां किसी व्यक्ति ने सिस्टम के साथ धोखाधड़ी की और डॉक्टर बन गया। वह समाज के लिए घातक है। शीर्ष अदालत ने एनटीए से कहा कि परीक्षा कराने वाली एजेंसी का प्रतिनिधित्व करते हुए उसे दृढ़ रहना चाहिए।

अगर गलती हुई है तो उसे स्वीकार करना चाहिए कि हां गलती हुई है और हम ये कार्रवाई करने जा रहे हैं। कम से कम इससे आपके काम पर भरोसा तो पैदा होगा।
न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र सरकार और एनटीए की पैरोकारी कर रहे वकीलों से कहा कि वह उनसे टाइमली एक्शन चाहते हैं।

पीठ ने नई याचिकाओं पर केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही नई याचिकाओं को भी पहले से लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न करते हुए आठ जुलाई को सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया।सुप्रीम कोर्ट नीट में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली दो नई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।

शुरुआत में मामला सुनवाई पर आते ही कोर्ट ने कहा कि वह इन दोनों याचिकाओं पर भी नोटिस जारी कर रहे हैं। इन याचिकाओं को पहले से लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न किया जाता है, जिनपर आठ जुलाई को सुनवाई होनी है। केंद्र और एनटीए के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके उत्तर दाखिल करने तक कोर्ट मामले में कोई टिप्पणी न करे। लेकिन तभी याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने छात्रों का दर्द साझा करते हुए कहा कि हमें छात्रों की मेहनत को नहीं भूलना चाहिए।

जरा सोचिए इस तरह से परीक्षा पास करने वाला इलाज करे।वकील ने मामले की जांच का मुद्दा उठाया। एनटीए के वकील ने कहा कि इसी पर पिछले सप्ताह 1563 छात्रों का ग्रेस मार्क रद्द करने का फैसला किया गया। अथॉरिटी छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंता को समझती हैं और कार्रवाई कर रही हैं।

इस बीच एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 1563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इनकी दोबारा परीक्षा कराई जाएगी तथा छात्रों के पास दोबारा परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा, अन्यथा उन्हें ग्रेस मार्क हटाकर दिये गए नंबर ही स्वीकार करने होंगे।

पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है, जवाब देना होगा।छात्रों की ओर से लगातार कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की जा रही है, दूसरी ओर छात्र पूरी परीक्षा रद्द कर सभी के लिए दोबारा परीक्षा कराने की मांग लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।







