पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है पीड़ित परिवार
# मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र भेजकर पुलिस पर लगाए गम्भीर आरोप
जौनपुर।
एखलाक खान
तहलका 24×7
शाहगंज कोतवाली क्षेत्र स्थित सबरहद के उजरौटी पुरवा गांव में जमीनी विवाद को लेकर महिलाओं की बुरी तरह पिटाई, छेड़छाड़ और आगजनी मामले में पुलिसिया कार्रवाई को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित महिलाओं ने पहले तो पुलिस पर तहरीर बदलने और एफआईआर में आगजनी, कपड़े फाड़ने के आरोपों का जिक्र नहीं करने का आरोप लगाया। अब पीड़ित पक्ष पैसे लेकर मुख्य आरोपी को छोड़ने और लेखपाल पर पैसे लेकर गलत पैमाईश का भी आरोप लगा रहा है।

पीड़ितों ने मुख्यमंत्री पोर्टल और डीजीपी को पत्र भेजकर भी शिकायत की है और इंसाफ की गुहार लगाई है।मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में पीड़ित युवती रंजना ने बताया कि उनके पट्टीदार समराज से उनका जमीनी विवाद चल रहा था। 13 अगस्त को राजस्व टीम पैमाइश करके गयी। उसके बाद समराज के परिवार के लोग लाठी, डण्डा लेकर रंजना, उसकी विधवा मां मीरा और बहन सोनी को मारने-पीटने लगे। तीनों बुरी तरह घायल हो गए।

आरोप है कि समराज के बेटे केसरे ने रंजना के कपड़े फाड़ दिए और उसके रिहायशी मड़हे को आग लगा दिया।घायल मां और बेटियों का आरोप है कि हलके के दरोगा ने उनकी तहरीर को बदलवा दिया और एक नई तहरीर लिखवाई। पुलिस ने एफआईआर में आगजनी और कपड़े फाड़ने की घटनाओं का जिक्र ही नहीं किया। आरोप ये भी है कि मुख्य आरोपी केसरे को पुलिस ने थाने लाने के बाद छोड़ दिया।

पीड़ित पक्ष के मुताबिक केसरे गांव में दावा कर रहा था कि उसने दरोगा और लेखपाल को पैसे दिए हैं, इसलिए उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा। फ़िलहाल घटना को लेकर पूरे गांव में जहां मनबढ़ परिवार और पुलिस के प्रति नाराजगी देखी जा रही है वहीं पीड़ित परिवार की लोग मदद भी करते दिखे।








