प्रिंसिपल हत्याकांड: हाईकोर्ट ने इनामी शूटर को दी जमानत
# कहा- पहचान परेड में देरी जमानत का आधार
प्रयागराज।
तहलका 24×7
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भदोही के प्रिंसिपल हत्याकांड में इनामी शूटर जुनैद को जमानत दे दी।कोर्ट ने टिप्पणी की कि आरोपी की पहचान परेड कराने में की गई अनावश्यक देरी जमानत देने का आधार हो सकती है। जज कृष्ण पहल ने कहा कि यह विधि का स्थापित सिद्धांत है कि जब तक कोई व्यक्ति विधिपूर्वक दोषी साबित न हो जाए उसे निर्दोष माना जाए। यह सिद्धांत की जमानत नियम का आधार है।

याची के अधिवक्ता कमल कृष्ण और श्यामल कुमार प्रयागी ने दलील दी कि आरोपी जुनैद मुकदमे में नामजद नहीं था। घटना के 54 दिन बाद पहचान परेड कराई गई। सुप्रीम कोर्ट के सिद्धांत के अनुसार यह मान्य नहीं है। याची की पहचान को परेड से पूर्व ही बेपर्दा कर दिया गया था। दोनों अधिवक्ताओं ने बताया कि गिरफ्तारी के समय ही मीडिया चैनलों और अखबारों में आरोपी की फोटो प्रकाशित हो गई थी। उसके बाद कराई गई पहचान परेड दूषित है।

वहीं अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि याची इनामी अपराधी है। उसे पुलिस ने बड़ी मेहनत के बाद मुंबई से गिरफ्तार किया। जमानत पर रिहा करने पर मुकदमे के ट्रायल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।हालांकि कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली।भदोही थाना इलाके के अमिलोरी गांव निवासी योगेंद्र बहादुर सिंह की साल 2024 में 21 अक्टूबर को 9 बजे के करीब बसावनपुर में कार रोककर गोली मार हत्या कर दी गई थी। वे योगेंद्र इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल थे।

मामले में उनके भाई इंद्र बहादुर ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि योगेंद्र अपनी कार से निकले थे। घर के कुछ ही दूरी पर पहुंचने पर बाइक सवार बदमाशों ने कार रुकवा कर गोली मार दी। इससे वह गंभीर रुप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। पुलिस ने वारदात में सुपारी किलिंग के मास्टरमाइंड और हत्या के आरोपी कलीम निवासी फाफामऊ और सौरभ सिंह निवासी चिल्ला शिवकुटी प्रयागराज को गिरफ्तार किया था।

पूछताछ में दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि साल 1997 में प्रयागराज के चिल्ला शिवकुटी निवासी अजय बहादुर सिंह की सिंहपुर नहर पुलिया पर हत्या की गई थी। सौरभ सिंह अजय सिंह का बेटा है। उसने बताया कि पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उसने भाड़े के शूटरों से योगेंद्र की हत्या करा दी थी।








