फोरलेन पर 6 टुकड़ों में मिला व्यवसायी का शव, परिजन ने लगाया हत्या का आरोप
दरभंगा।
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शहर के रानीपुर क्षेत्र में दरभंगा-मुजफ्फरपुर फोरलेन एनएच27 पर एक स्वर्ण व्यवसायी का शव छह टुकड़ों में बरामद हुआ है। स्थानीय लोगों ने सुंदरपुर के पास सड़क पर पड़े शव को देख पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतक की पहचान हसनचक निवासी और दरभंगा टावर स्थित आभूषण की दुकान चलाने वाले मनीष गुप्ता के रुप में की।मनीष गुप्ता के परिजनों और स्थानीय लोगों ने पुलिस के हिट एंड रन के दावे को सिरे से खारिज कर दिया।

मृतक के भाई अमरनाथ गुप्ता ने कहा कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या है। शव 6 टुकड़ों में मिला है। परिजनों का यह भी सवाल है कि मनीष अपनी दुकान से चार किलोमीटर दूर हाइवे पर कैसे पहुंचे? सड़क पर एक बूंद खून तक नहीं मिला और मनीष की बाइक भी गायब है। यह साफ है कि उनकी हत्या कर शव को सड़क पर फेंका गया और ऊपर से गाड़ी चढ़ाई गई है।घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मनीष गुप्ता अपनी दुकान से चार किलोमीटर दूर हाइवे तक कैसे पहुंचे? उनकी मोटरसाइकिल कहां है?

सड़क पर खून का एक भी निशान न होना क्या हत्या की ओर इशारा करता है? परिजनों और स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मामला इतना सरल नहीं है, जितना पुलिस इसे बता रही है।घटना की खबर फैलते ही क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। गुस्साए व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने हाईवे जाम कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। आक्रोशित भीड़ ने इस घटना को सुनियोजित हत्या करार देते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यह कोई साधारण दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। सूचना मिलते ही सदर एसडीएम विकास कुमार और एसडीपीओ राजीव कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने आक्रोशित लोगों को समझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि परिजनों की तहरीर पर मामले की हर पहलू से जांच की जाएगी। प्रशासन के इस आश्वासन के बाद हाइवे से जाम हटा लिया गया, लेकिन क्षेत्र में तनाव अब भी बरकरार है।

पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे हिट एंड रन का मामला बताया है। सदर एसडीपीओ राजीव कुमार ने कहा कि घटना की सूचना शाम 4 बजे मिली थी, प्रथम दृष्टया यह एक सड़क दुर्घटना प्रतीत होती है। हालांकि, पुलिस ने हत्या की आशंका को भी खारिज नहीं किया है और इस दिशा में भी जांच शुरु कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, ताकि मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके।