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Sunday, November 23, 2025

भारत की नीति और यूएसए की दोगली! नीति कौन पड़ेगा भारी? 

भारत की नीति और यूएसए की दोगली! नीति कौन पड़ेगा भारी? 

कीर्ति आर्या एडवोकेट
तहलका 24×7 विशेष
                 यूएसए ने भारत के साथ दोगली नीति अपनाई है।उसका कारण है की भारत रुस से कम दाम में क्रूड आयल खरीद रहा है।वास्तव में भारत अलग अलग देश से क्रूड आयल लेता है।भारत की नीति है की एक जगह से क्रूड आयल न लें।इसका करण यह है की भारत एक देश पर आश्रित न हो और कोई देश मन मानी नहीं कर पाए।तेल के सम्बंध में अंतर्राट्रीय स्तर पर क्या नियम है ये भी जानना जरुरी है। क्रूड आयल बेचने वाले देशों को OPEC (Organization of the Petroleum Exporting Countries) नाम से जाना जाता है।
यही देश पेट्रोलियम का दाम निर्धारित करते हैं।अब यहां पर गुटबंदी होती है जिसे cartelization भी कहते है। एक उदहारण से इसे समझने का प्रयास करते हैं।मान लिया कि बाजार में एक प्रोडक्ट को बेचने के लिए तीन विक्रेता हैं।एक विक्रेता 100 रुपये में बेच रहा,वहीं दूसरा 150 रुपये में और वहीं पर तीसरा 200 रुपये में। Cartelization में ये सब आपस में मिलकर दाम तय करती हैं।मान लिया दाम 180 रुपये तीनो ने मिल कर तय किया और दाम कम न ज्यादा 180 रुपये में तीनो अपने प्रोडक्ट को बेचते हैं।लेकिन इस cartelization का पता ग्राहक को नहीं होता।Cartelization अर्थवयस्था में नकारात्मक तौर से लिया जाता है।
इसी तरह से OPEC देश भी क्रूड आयल का आपस में मिल कर दाम तय करती है।वहीं एक ग्रुप ऐसा भी है, जो OPEC देश में नही होती हैं उसे OPEC plus ग्रुप भी कहते हैं।रुस OPEC plus का हिस्सा है। अब समझने की बात ये है कि यदि कोई और देश हमारे देश के ऊपर बिना बात के अपनी शर्तो को रखे तो यह कहां तक सही है? USA ने एक बिल बनाया है जिसमे 500 प्रतिशत की ड्यूटी (टेर्रिफ) इंडिया पर चार्ज करेगा क्योंकि भारत रुस से क्रूड आयल लेता है।इसका अर्थ यही है की USA नहीं चाहता की भारत रुस से किसी तरह का सम्बन्ध रखे।
USA ने बिल लाया है Russia Sanction ACT 2025 जिसमें 500 प्रतिशत टेर्रिफ लगाया गया है। अगर कोई रुस से सामान लेगा। भारत 80 से 85 प्रतिशत क्रूड आयल आयात के ऊपर निर्भर करता है। इसलिए भारत पर 500 प्रतिशत का टेर्रिफ लगाने की बात की गई।वहीं दूसरी तरफ यूरोपियन देशों पर ऐसी कोई कंडीशन नहीं रखी गई है।ये हुई USA की दोगली बातें।भारत देश एक स्वतंत्र देश है, हमारे यहां पर अपना संविधान है, हमारे यहां खुद की कोर्ट है, तो हमारा देश कानून व्यवस्था खुद  बना सकता है, फिर USA को किसने अधिकार दिया भारत पर टेर्रिफ थोपने का?
रही बात रुस की, रुस हमेशा भारत का साथ दिया है। चाहे वो डिफेन्स टेक्नोलॉजी हो या किसी और प्रकार की मदद।USA के खलबलाने का करण ये है की भारत ब्रिक्स देश का सदस्य है।जो की सबसे ज्यादा जनसंख्या रखती है।इस वजह से क्रूड आयल की डिमांड भी ज्यादा है।ब्रिक्स देश अपनी एक यूनाइटेड करेंसी की बात कर रहे सिर्फ ब्रिस्क देशों को लेकर इससे USA के डॉलर पर बुरा असर पड़ेगा।USA भारत को दबाने के लिए कुछ भी बिल ले आ रहा और साथ ही आरोप लगा रहा कि भारत रुस से क्रूड आयल ले नहीं रहा, बल्कि रूस को फंडिंग कर रहा।जबकि USA और यूरोपियन ग्रुप यूक्रेन को भर भर के हथियार दे रहे कि लड़ाई चलती रहे।अब इसे USA का दोगली नीति नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे आप ही बताइये।

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