मानदेय को लेकर आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन ने दिया धरना, सौंपा ज्ञापन
जौनपुर।
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आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएन की कार्यकत्रियों गुरुवार को मानदेय समेत विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया। साथ ही जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह को सौंपा।

कार्यवाहक जिलाध्यक्ष मीना देवी ने कहा कि स्कूल पूर्व शिक्षा, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, अनुपूरक पोषाहार, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, दिशा निर्देशन एवं संदर्भित सेवाओं के लिए की गई है। जिसे निरंतर करती चली आ रही हैं। साथ ही अन्य विभागों के कार्यों को भी समय-समय पर करती चली आ रही हैं। महंगाई के समय में उक्त 6 सेवा योजनाओं पर कार्य करने पर भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से मानदेय के रूप में मात्र छह हजार रुपए प्रति माह मिलता है।

संगठन के संज्ञान में आया है कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन परिषदीय स्कूलों में संचालित किए जा रहे को-लोकेटेड 10684 आंगनबाड़ी केन्द्रों में ईसीसीई एजुकेटर रखे जाएंगे। जो आंगनवाड़ी की 6 सेवाओं में से मात्र एक सेवा योजना पर कार्य करेंगे जिसको रुपया 10313 प्रति माह भुगतान किया जाएगा। पीएफ तथा ईएसआई योजना का भी लाभ उन्हें दिया जाना सुनिश्चित किया गया है। जोआंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के लिए खेद का विषय है।

सरकार द्वारा यह सौतेला व्यवहार है। हमारी मांग है की प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में संविदा के आधार पर होने वाले ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती को रोका जाए। ईसीसीई एजुकेटर के लिए आंगनबाड़ी कार्यकतियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। साथ ही 15 से 35 वर्ष के कार्य का अनुभव भी है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां इस कार्य के लिए निपुण और सक्षम हैं।आउटसोर्सिंग के माध्यम से उक्त पद की व्यवस्था करने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है।

आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन उत्तर प्रदेश आपसे उक्त नियुक्ति को रद्द करने का आग्रह करता है।अन्यथा समूचे उत्तर प्रदेश की पौने चार लाख आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां तथा सहायिकाएं काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होंगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार, विभागीय उच्च अधिकारी व शासन-प्रशासन की होगी।

मांग किया कि आंगनबाड़ी कार्यकती को 18 हजार रुपये तथा सहायिक को नौ हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाये। जिनका सेवाकाल 10 वर्ष पूर्ण हो चुकी है, उन्हें योग्यता के आधार पर मुख्य सेविका के पद पर पदोन्नति की जाए और जब तक पदोन्नति नहीं होती है, तब तक उन्हें मुख्य सेविका का देतन मान दिया जाए।








