यूपीएससी के परिणाम से युवाओं को सबक लेने की आवश्यकता- प्रो. अखिलेश्वर शुक्ला
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
यूपीएससी परीक्षा 2022 का परिणाम घोषित होते ही बिहार एवं पूर्वांचल के बहुत सारे सामान्य परिवारों- रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है। उन्होंने बलिया जनपद के चैनछपरा निवासी विनय कुमार चतुर्वेदी के पुत्र अभिषेक चतुर्वेदी को 179वें रैंक पर चयन होने पर प्रसन्नता ब्यक्त करते हुए हृदय से बधाई एवं शुभकामना ब्यक्त करते हुए प्रशासनिक सेवा में कुछ नया और अलग करने की अपेक्षा प्रोफेसर (डॉ) अखिलेश्वर शुक्ला ने किया है।
ज्ञात हो कि प्रोफेसर शुक्ला के रिश्तेदारी में होने के कारण बिलासपुर में रह रहे अनुज भाई अरविंद शुक्ला जहां अभिषेक चतुर्वेदी अपने पिता विनय कुमार चतुर्वेदी जो रेलवे में चीफ कंट्रोलर के पद पर कार्यरत हैं, के साथ रह कर प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त किया।बी.टेक. एस.आर.एम. चेन्नई से करने के बाद लगातार तीसरी परीक्षा में यह सफलता पाई है। परीक्षा में चयनित अभिषेक चतुर्वेदी का कहना है कि पिछड़े क्षेत्रों और गांवों में भी प्रतिभा है। केवल उसे एक्सपोजर एवं एक कुशल निर्देशन (गाईड) की आवश्यकता है। जिसके लिए बाहर (दिल्ली आदि जगहों पर) जाने की आवश्यकता होती है।
प्रोफेसर डॉ अखिलेश्वर शुक्ला ने यह भी रेखांकित किया है कि किसी भी क्षेत्र में लड़कियों को आगे जाने एवं युवाओं के पिछड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका वर्तमान सामाजिक- राजनीतिक परिवेश की है। खास कर राजनीतिक पदों को प्राप्त करने या किसी के पीछे लगकर बिना परिश्रम अपने भविष्य को संवारने में आज के युवा जुटे हुए हैं। यही कारण है कि चार प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली लड़कियां ही हैं। जिसमें से प्रथम दो पिछड़े क्षेत्र बिहार से हैं।
प्रोफेसर शुक्ला ने युवकों को सफल जीवन एवं उज्जवल भविष्य के साथ साथ राष्ट्रीय विकास के लिए नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहने एवं सकारात्मक सोंच को बिकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। साथ ही यह भी कहा कि आज के समस्याग्रस्त युवा वर्ग को एक चयनित सूरज ञिपाठी जिसके दोनों पैर और एक हाथ नही है। एक हाथ है भी तो केवल दो अंगुली एक अंगुठा ही है। उसने सिद्ध कर दिया कि जज्बा और जुनून हो तो कुछ भी असम्भव नहीं है। सभी चयनित होनहारों को बधाई शुभकामनायें प्रेषित करते हुए नवीन दायित्व के साथ भारत के नव निर्माण में अहम भूमिका निभाने की अपेक्षा पूरा देश करता है।