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Thursday, July 4, 2024

यूपी की नौकरशाही दिल्ली के रिमोट से हुई मुक्त, तेवर में योगी

यूपी की नौकरशाही दिल्ली के रिमोट से हुई मुक्त, तेवर में योगी

# नए मुख्य सचिव की कार्यवाही में झलकेगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रभाव, प्रदेश के हर जिले के डीएम, एसपी की बदलेगी कार्यशैली, भ्रष्टाचारी नपेंगे, थाना, कोतवाली, ब्लॉक, तहसीलों तक पर रहेगी नज़र, आमजन की सुनवाई सर्वोपरि। यहां से ही आम जनता को न्याय दिलाने को नौकरशाही की ओवरहालिंग शुरु। 

# जन सुनवाई समाधान (आईजी आरएस) पोर्टल होगा प्रभावी, निवेश के प्रोजेक्ट की रफ़्तार बढ़ाकर रोजगार को मिलेगा बढ़ावा, अफ़सरों की जवाबदेही तय की जा रही, समन्वय से हर कार्य उतारे जाएंगे धरातल पर, शहरों में अतिक्रमण हटाओ अभियान बगैर भेदभाव के चलेगा। 

कैलाश सिंह/अशोक सिंह
लखनऊ/वाराणसी 
टीम तहलका 24×7
                 सात साल पूर्व यानी 2017 में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की पसन्द पर बैठे गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ को भाजपा हाई कमान रबर स्टाम्प बनाने की कोशिश करता रहा। लेकिन, वह न झुके और न ही टूटे। 30 जून 2024 को यूपी की नौकरशाही दिल्ली के रिमोट से मुक्त होने लगी। शुरुआत नए मुख्य सचिव से हो गई।
योगी के दिमाग में यह बात पहले से फिक्स थी कि मठ में भी आमजन के हित की सोच रही, वहीं सूबे की कमान मिलने पर जनता के लिए कायम रहेगी। एक संन्यासी के लिए तो सारा जग समान है। अपने लिए सादा जीवन-उच्च विचार ही संपूर्ण है।
योगी आदित्यनाथ प्रदेश की बेहतरी के लिए सोची गई अच्छी योजनाओं को भी नहीं संचालित कर पा रहे थे। दिल्ली से भाजपा हाई कमान भले ही नड्डा रहे हैं। लेकिन, देश के सभी भाजपा शासित प्रांतों के संचालन का रिमोट अमित शाह रखते हैं।यही कारण है कि यूपी में उन्होंने योगी के समानांतर दूसरा पॉवर सेंटर विकसित कर रखा था।
उनके इशारे पर काम करने वाले नौकरशाह और योगी कैबिनेट के तमाम मंत्री इस पॉवर सेंटर के जरिए रिपोर्ट दिल्ली हाई कमान को करते थे। इस पॉवर सेंटर का मुखिया वाराणसी का रहने वाला पत्रकार रहा। लोस चुनाव में परास्त हुआ हाई कमान तो योगी आदित्यनाथ अपने पुराने तेवर में आ गए। उन्होंने तीन बार एक्स्टेंशन पाने वाले मुख्य सचिव के स्थान पर अपनी पसन्द के मनोज कुमार सिंह को चीफ सेक्रेटरी नियुक्त करके जहां दिल्ली हाई कमान का रिमोट हटाया, वहीं प्रदेश के आमजन को थानों, ब्लॉकों, तहसीलों से न्याय दिलाने का संदेश भी दिया।
अब विकास योजनाओं के साथ निवेश के ठंडे पड़े प्रोजेक्ट को रफ़्तार देकर रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जाएगा। दिल्ली भाजपा के सूत्र बताते हैं कि योगी अब जनहित की योजना के जरिए मिशन 2027 पर लग गए हैं। अब उनपर  कोई दबाव काम नहीं करेगा।
योगी ने पिछले सात साल में यूपी में कानून का राज कायम करने और अपराध नियंत्रण करके बेहतरीन मिसाल पेश की, उसी का नतीज़ा था जब यूपी में लाखों करोड़ के निवेश होने लगे, लेकिन वाराणसी के गंगा घाटों पर क्रूज में और फूलपुर की बनास दूध फैक्ट्री में सभी कर्मचारी गुजरात के भरे गए। फैक्ट्री में सोयाबीन व पाउडर दूध भी वहीं से आ रहा, लिहाजा यूपी के दूधिया हाथ मलते रहे। लेकिन चुनाव में उन्होंने अपना आक्रोश दिखा दिया।
योगी ने काशी विश्वनाथ कारिडोर, विंध्याचल कारिडोर का श्रेय मोदी को दिया और मथुरा में भी श्रीकृष्ण कारिडोर पर कोर्ट के अधीन निर्देशों के मद्देनजर कार्य जारी है। अब यूपी में रोजगार व विकास को रफ़्तार देने के लिए उन्होंने नौकरशाही की कमान अपने हाथ में लेकर मानीटरिंग भी शुरू कर दी। सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट में भी उन्होंने संदेश दे दिया है कि अब तीन साल राजनीति की बजाय केवल काम होगा।
जन सुनवाई में लापरवाह नौकरशाही के साथ मंत्री भी जवाबदेह होंगे। प्रदेश की पुलिसिंग व्यवस्था और सख्त की जाएगी। उन्होंने यह भी एहसास कराया कि उनके पास प्रदेश के अंतिम जिलों व गांव तक से रिपोर्ट मिल रही है। आमजन को न्याय देने में लापरवाह अफसर अपने खिलाफ कार्रवाई के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।

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