यूपी में खराब प्रदर्शन का असर, मंत्रियों की घटेगी संख्या
लखनऊ।
विजय आनंद वर्मा
तहलका 24×7
भाजपा को बहुमत से दूर रहने की एक वजह उत्तर प्रदेश में पार्टी का कमजोर परफॉर्मेंस है।
इसका असर नए मंत्रिमंडल में दिखेगा। मोदी की दूसरी सरकार में उत्तर प्रदेश से 13 मंत्री बनाए गए थे। इस बार कुछ ही पुराने नेता मंत्री बनेंगे।
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लखनऊ सीट से लगातार तीसरी बार जीते सांसद राजनाथ सिंह का मंत्री बनना तय है। योगी सरकार में मंत्री और पीलीभीत से जीतने वाले जितिन प्रसाद को भी पार्टी मौका दे सकती है।यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। महेश शर्मा और लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
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भाजपा की सहयोगी आरएलडी के दोनों प्रत्याशी चुनाव जीते हैं, लिहाजा पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी भी पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बन सकते हैं।अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से तीसरी बार जीती हैं, वे भी कैबिनेट में रिपीट हो सकती हैं।
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इनके अलावा महाराजगंज सांसद पंकज चौधरी, झांसी से अनुराग शर्मा और हाथरस से अनूप बाल्मीकि के नाम की भी चर्चा है।उत्तराखंड और पंजाब से इस बार कोई मंत्री नहीं बनेगा। भाजपा ने इस बार 50 केंद्रीय मंत्रियों को टिकट दिया था।
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इनमें 19 मंत्री हार गए। चुनाव हारे मंत्रियों में स्मृति ईरानी और राजीव चंद्रशेखर को दोबारा मौका मिल सकता है। स्मृति 2014 में भी अमेठी से हारने के बावजूद कैबिनेट मंत्री बनी थीं। उन्हें राज्यसभा के जरिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय दिया गया था। मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान हार के बावजूद भी मंत्री बनाए जा सकते हैं।