यूपी में राजनीतिक खेल: योगी आदित्यनाथ को आज भी नहीं पचा पा रहे हैं केशव प्रसाद मौर्य
# लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट में शामिल और खुद की विधानसभा सीट हार चुके डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मन में सीएम बनने की कसक आज भी कायम है, तभी तो वह योगी को नेता और उनके मंत्र को नारा मानने से मीडिया के सामने कन्नी काटते नजर आ रहे हैं।
# बंटोगे तो कटोगे का यह मूल मंत्र हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाकर असम्भव को संभव करने में अहम भूमिका निभाई, महाराष्ट्र में अपने पिता गोपी नाथ मुंडे की विरासत संभाल रहीं पंकजा मुंडे और महायुति में शामिल अजित पवार भी योगी के नारे को नकार रहे हैं।
कैलाश सिंह
राजनीतिक संपादक
लखनऊ/मुंबई।
तहलका 24×7 विशेष
बांग्लादेश में तख्ता पलट 5 अगस्त 2024 को हुआ और इसके साथ ही वहां हिंदुओं का नरसंहार शुरु हो गया, जब एकजुट होकर हिंदुओं ने इसका प्रतिकार शुरु किया तो वहां की अंतरिम सरकार झुकी और माफी मांगने के साथ सुरक्षा देने का आश्वासन भी दिया। यही वक्त था जब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान कहा, जब-जब हिन्दू बंटे हैं तब-तब वह अपनों और अपनी सनातन संस्कृति से कटे हैं। उन्होंने अयोध्या, काशी और मथुरा का उदाहरण भी दिया।

कहा था कि जातियों में विभक्त हिन्दू अपने परिवार, सभ्यता, सनातन संस्कृति, धर्म और हिंदुत्व से कालांतर में कटता चला आ रहा है।पांच सौ साल बाद जब वह एकजुट हुआ तो अयोध्या में भगवान श्री राम का पुनः अवतरण मूर्ति स्थापना के साथ हुआ, इसलिए एक रहोगे तो नेक और सुरक्षित रहोगे। दशकों बाद कोई ‘नारा’ आमजन तक स्वतः स्फूर्त पहुंच बनाता है। चार दशक पूर्व ‘जय श्री राम’ का नारा विहिप नेता अशोक सिंघल ने दिया था, अब बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद योगेश्वर श्रीकृष्ण की धरती से योगी का मूल मंत्र एक रहोगे तो नेक बनोगे और बंटोगे तो कटोगे’ नारा बनकर दुनिया भर में गूंज रहा है।

यहां तक कि हिंदुत्व के इसी मुद्दे को अपनाकर अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव पुनः डोनाल्ड ट्रम्प ने जीत लिया। लेकिन उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य हिंदुत्व के इस मंत्र को नारा नहीं मानते हैं और न ही नेता के रुप में योगी आदित्यनाथ को स्वीकार कर पा रहे हैं। उन्होंने एक टेलीविजन रिपोर्टर के सवाल पर कहा कि भाजपा का एक ही नारा है ‘एक रहोगे तो सेफ रहोगे’ और हमारे नेता नरेंद्र मोदी हैं।राजनीतिक विश्लेसकों का मानना है कि दरअसल केशव प्रसाद मौर्य यह नहीं समझ पा रहे हैं कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पूरे भारत में भाजपा के हर कार्यकर्ता और आमजन के नेता हैं।

जब वह दूसरे देशों की धरती पर जाते हैं तब संपूर्ण भारत के नेता होते हैं, क्योंकि वह अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। किसी भी प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार होती है उसके मुख्यमंत्री सभी कार्यकर्ताओं के संवैधानिक तौर पर नेता होते हैं। रहा सवाल योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए नारा का तो उन्होंने बांग्लादेश में हुए नरसंहार के परिप्रेक्ष्य में अयोध्या, काशी और मथुरा का उदाहरण देते हुए योगेश्वर श्रीकृष्ण की धरती मथुरा में कहा था कि बंटोगे तो कटोगे। केशव प्रसाद मौर्य इसे विश्लेषण का मुद्दा बताकर इसपर अधिक टिप्पणी से इनकार करते हैं।

श्री मौर्य के इसी बयान को आधार बनाकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस नारा को नकारात्मक करार दिया और कहा कि खुद भाजपा के लोग भी इस नारा पर विरोधाभाषी हैं। इधर हिंदुत्व का बड़ा चेहरा बन चुके योगी का यह मूल मंत्र समूची दुनिया में जहां आकार बढ़ाता जा रहा है वहीं भारत में यूपी से लेकर महाराष्ट्र और झारखंड तक सरगर्मी बढ़ाए हुए है। दरअसल यह नारा केशव प्रसाद मौर्य, पंकजा मुंडे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बयान के जरिए मीडिया के चूल्हे पर मध्यम आंच से पककर राजनीतिक गलियारों से होते हुए आमजन की जुबान पर थिरक रहा है। लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।

योगी के इस नारा की जितनी चर्चा हो रही है उसी रफ्तार में वह लोगों के दिलों दिमाग पर छाता चला जा रहा है।
इसी तरह महाराष्ट्र में विधान सभा चुनाव का प्रचार परवान पर है और दिवंगत नेता गोपी नाथ मुंडे की बेटी एवं भाजपा की नेता पंकजा मुंडे के बोल भी ‘बंटोगे तो कटोगे’ पर संतुलन तब खो बैठा जब वहां योगी आदित्यनाथ स्टार प्रचारक बनकर सभाएं कर रहे थे। उन्हें समझाने का जिम्मा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लिया।

लेकिन सहयोगी डिप्टी सीएम अजित पवार का राग अलग नजर आ रहा है। वह इसे यूपी का मुद्दा बताकर खुद भाजपा के साथ महायुति में रहते हुए मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए तुष्टिकरण की नीति अपनाए हुए हैं, जबकि इनकी ‘एनसीपी की लड़ाई शरद पवार की एनसीपी’ से हो रही है। इनकी पार्टी के लगभग दो तिहाई प्रत्याशी शरद पवार की पार्टी के प्रत्याशियों के सामने हांफते नजर आ रहे हैं।