लैंड यूज बदलने के फेर में फंसा धन्नीपुर अयोध्या मस्जिद का निर्माण
# डेढ़ साल से सीएम कार्यालय में अटकी है फाइल
लखनऊ।
आर एस वर्मा
तहलका 24×7
धन्नीपुर अयोध्या मस्जिद का निर्माण लैंड यूज चेंज न हो पाने से लटका हुआ है। ऐसे में अयोध्या विकास प्राधिकरण ने आवेदन किए जाने के डेढ़ साल बाद भी मौलवी अहमदउल्लाह शाह योजना का नक्शा पास नहीं किया है। ट्रस्ट के मुताबिक लैंड यूज बदलने के संबंध में फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में अटकी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन दी है। वक्फ बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट बना कर जमीन उसके हवाले कर दी थी। इस जमीन पर करीब 3500 वर्ग मीटर में मस्जिद, 24,150 वर्ग मीटर में चार मंजिला सुपर स्पेशियल्टी चैरिटी अस्पताल व कम्युनिटी किचन, 500 वर्ग मीटर में म्यूजियम और 2300 वर्ग मीटर में इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, पुस्तकालय आदि का निर्माण कराया जाना है।
तीन चरणों में पूरी होने वाली इस योजना पर करीब 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की उम्मीद है। पहले चरण में 100 करोड़ रुपये से निर्माण किया जाएगा। ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस के मौके पर मस्जिद निर्माण के लिए नींव रखी गई थी। ट्रस्ट ने पूरी योजना का नाम मौलवी अहमदउल्लाह शाह योजना रखा है। ट्रस्ट ने इसका तैयार नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण से पास करवाने के लिये मई 2021 में ऑनलाइन आवेदन किया था। ट्रस्ट के लोकल ट्रस्टी अरशद अफजाल खान ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन के बाद कई महीनों तक हर तरह के कागजात के साथ एनओसी मांगी जाती रही। इसके बाद प्राधिकरण की ओर से जमीन का लैंड यूज चेंज करने की जरूरत बताई गई।
अब अधिकारियों ने उन्हें बताया है कि लैंड यूज चेंज करने के लिये फाइल सीएम कार्यालय में गई है। वहां से आने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। बताया कि आवेदन किए हुए डेढ़ साल बीत गए हैं, अभी तक नक्शा ही पास नहीं हो पाया है। नक्शा पास होने के बाद ही निर्माण शुरू हो सकता है।
इस मामले में अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि पूरे मामले में प्राधिकरण के स्तर से कुछ भी कार्यवाही पेंडिंग नहीं है। अब जो भी कार्यवाही होनी है, वो शासन स्तर से ही होनी है।