शिक्षण एवं अधिगम में शोध द्वारा ही किया जा सकता है विकास- डॉ राकेश
# डायट परिसर में “शोधकार्य कार्यशाला” का आयोजन हुआ संपन्न
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
डायट परिसर में शोध कार्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजन का शुभारंभ डाइट प्राचार्य डा. राकेश सिंह एवं मंचासीन वरिष्ठ प्रवक्ता के कर कमलों से दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हुआ।
कार्यशला में डी.एल.एड के प्रशिक्षु व डायट के प्रवक्ता ने प्रतिभाग किया, जिसमें निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद लखनऊ द्वारा सुझाए गए प्रकरण “जनपद जौनपुर में प्राथमिक स्तर (कक्षा 3) के छात्रों का ‘गणित किट के प्रयोग तथा उसके संप्राप्ति पर प्रभाव’ का अध्ययन” पर विचार विमर्श किया गयाlशोधकर्ता डायट प्रवक्ता धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने सभी प्रशिक्षुओं को आंकड़ों को कैसे संग्रह करना है तथा गणित किट का प्रयोग करके कैसे बच्चों को पढ़ाना है तथा प्री टेस्ट व पोस्ट टेस्ट कैसे लेना है अच्छी तरह से समझ विकसित करने के लिए पीपीटी के माध्यम से बताया।
इस अवसर पर प्राचार्य ने कहा कि शोध के द्वारा ही शिक्षण एवं अधिगम में विकास तथा परिमार्जन किया जा सकता हैं तथा निपुण लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इसी क्रम में वरिष्ठ प्रवक्ता मनीष सिंह ने कहा कि शोधकार्य से सृजनात्मक चिन्तन का विकास होता हैं तथा प्रभारी वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ रविन्द नाथ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में शोध कार्य की अत्यंत आवश्यकता है। शोधकार्य कार्यशाला में शोधकर्ता धर्मेंद्र कुमार शर्मा, तथा प्रवक्ता राजकुमार, अमित कुमार डॉ सोनू भारती, नवीन सिंह, अमित कुमार, तथा ह्यूमाना के सदस्य डा.चंद्रशेखर एवं ब्रजबंधु का सराहनीय योगदान रहा।