सफल होने के लिए विद्यार्थियों को सीखने होंगे नये कौशल- ज्ञानेन्द्र रवि
# एनवाईके ने आयोजित किया सेमिनार
सुल्तानपुर।
मुन्नू बरनवाल
तहलका 24×7
‘तेजी से बदलते डिजिटल समाज में सफल होने के लिए विद्यार्थियों को नये कौशल सीखने ही होंगे। पारम्परिक शैक्षणिक कौशल इक्कीसवीं सदी के कार्यस्थल और समाज हेतु योग्य व्यक्ति नहीं तैयार कर पा रहा है।’ यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहीं। वह महाविद्यालय के संगोष्ठी कक्ष में नेहरू युवा केन्द्र व युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार व भाषण प्रतियोगिता को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
स्वस्थ जीवनशैली एवं खेल युवाओं का एजेंडा तथा उद्योग नवाचार एवं इक्कीसवीं सदी के कौशल विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता हुई। जिसमें स्वस्थ जीवनशैली एवं खेल युवाओं का एजेंडा विषय पर गनपत सहाय पीजी कालेज की छात्रा निष्ठा तिवारी को प्रथम और राणा प्रताप पीजी कालेज के पार्थ सारथी द्विवेदी को दूसरा स्थान हासिल हुआ। उद्योग नवाचार एवं इक्कीसवीं सदी के कौशल विषय पर प्रथम स्थान संत तुलसीदास पीजी कालेज कादीपुर के सौहार्द बरनवाल और द्वितीय स्थान राणा प्रताप पीजी कालेज की आभा शुक्ल को प्राप्त हुआ।
ये सभी विद्यार्थी जी 20 पर आयोजित अखिल भारतीय कार्यक्रम में शामिल होंगे।विशिष्ट अतिथि डॉ मंजू ठाकुर ने कहा कि स्वस्थ रहकर हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं। युवाओं का स्वस्थ रहना देश की प्रगति में सहायक है।निर्णायक मंडल के सदस्य व राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमाधिकारी डॉ प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने भाषण प्रतियोगिता के परिणाम की घोषणा की।
अध्यक्षता करते हुए आईक्यूएसी निदेशक इंद्रमणि कुमार ने कहा कि भारत के युवा आज विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी हैं। युवा शक्ति के भरोसे ही देश जी 20 की अगुवाई कर रहा है। संत तुलसीदास पीजी कालेज के सौहार्द बरनवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार ने भारत को विकसित करने में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। डिजिटल भारत ही इक्कीसवीं सदी का भारत है।गनपत सहाय पीजी कॉलेज की छात्रा निष्ठा तिवारी ने कहा कि खेल हमारे व्यक्तित्व विकास में सहायक हैं।
परमेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को नशे पर प्रतिबंध लगाना चाहिए तभी देश का युवा स्वस्थ रह सकेगा।संचालन आशुतोष मिश्र व आभार ज्ञापन नेहरू युवा केन्द्र के कार्यक्रम एवं लेखा पर्यवेक्षक दिनेश मणि ओझा ने किया।