पुलवामा शहीद दिवस पर छलका शहीद परिवार का दर्द
# एक ऐसा परिवार जो तीन पीढ़ियों से करता आ रहा है देश सेवा
# शहीद को उचित सम्मान ना मिलने से शहीद परिवार व्यथित
केराकत।
विनोद कुमार
तहलका 24×7
क्षेत्र के नरहन ग्राम में एक ऐसा परिवार जहां लगातार 3 पीढ़ियों से देश की सेवा में तल्लीन है चाहे वह 65 की जंग हो या फिर 71 की जंग.. हर पीढ़ी में परिवार का एक सदस्य देश सेवा के प्रति समर्पित रहा है। हम बात कर रहे हैं शहीद जावेद खान के परिवार की… बात उस समय की है जब शहीद जावेद खान की शहादत की खबर उनके पैतृक गांव केराकत में पहुंची तो लगा कि पूरे क्षेत्र के हर एक घर ने अपना बेटा खो दिया है और शहादत में अपने लाल की एक झलक पाने के लिए लोग उनके घर पर उमड़ पड़े। जहां भारत माता की जय के गगनचुंबी उद्घोष से पूरा केराकत नगर क्षेत्र गुंजायमान हो उठा।
बहुत अफसोस होता है कि पूरे परिवार को आज भी सरकार के असंवेदनशील रवैये से रूबरू होना पड़ रहा है सरकार की बेरुखे भरे रवैये से व्यथित शहीद जावेद के बड़े भाई रिटायर्ड फौजी अशफाक खान कहते है हमारे छोटे भाई ने देश के लिए अपने आपको कुर्बान कर दिया हमे दुख के साथ गर्व भी है पर शहीद जावेद खान की कब्र को अगर देखा जाए तो मन बड़ा बोझिल हो जाता है। शहीद जावेद खान की कब्र को देखकर अफसोस होता है कि सरकार शहीदों की शहादत का कैसा कुरूप तोहफा देती है।
शहीद जावेद खान के परिवार का कहना है कि हमें सरकार से किसी तरह का सहायता राशि नहीं चाहिए पर सरकार कुछ ऐसे कड़े कदम उठाएं ताकि जन्म जन्मांतर तक शहीद जावेद खान की मिसाल आने वाली पीढ़ियां देती रहे। शहीद के कब्रगाह पर शहीद स्तम्भ बनवाये जांए और दीवाल दुरुस्त करते हुए शहीद जावेद के नाम से सड़क व चबूतरे बनवाये जांए जो कि असल मायने में शहीद को सच्ची श्रद्धाजंलि होगी। अपने आंसू छलकाते हुए शहीद के बड़े भाई रिटायर्ड फौजी अशफाक खान ने उक्त बातें कहीं।
असल मायने में सोचने वाली बात है कि शहीद को उचित सम्मान न देकर हम अपनी आने वाली पीढ़ी को देश भक्ति से विरक्त तो नही कर रहें? शहीद को उचित सम्मान ना मिलना सरकार व प्रशासन के संवेदनहीनता को दर्शाता है। जबकि शासन प्रशासन के तमाम विफलताओं के बाद भी इस परिवार में हर पीढ़ी में लोग देश भक्ति के लिए फौज में अपनी सेवा देते रहे है और दे रहें है।
शहीद जावेद के परिवार से प्रथम पीढ़ी में इनके पिता स्वर्गीय याहिया खान BEG ग्रुप से फौज में सेवा दे चुके थे, दूसरी पीढ़ी में इनके दो पुत्र शहीद जावेद के बड़े भाई अशफाक खान (वर्तमान में रिटायर्ड) व स्वयं शहीद जावेद खान भारतीय सेना में सेवा दे चुकें। शहीद जावेद खान श्रीनगर में बड़ी मुठभेड़ में 3 आतंकियों को मारने के बाद शहीद हो गए थें। शहीद जावेद के बड़े पिता स्वर्गीय जैनुलाब्दीन खान EME ग्रुप से फौज में सेवा दिए हैं। वर्तमान की तीसरी पीढ़ी में शहीद जावेद के भतीजे आसिफ खान ASC आर्मी सप्लाय कोर में तैनात है और कोटा राजस्थान में भारतीय सेना में सेवा दे रहें है।
अब ऐसे देशभक्त परिवार के बलिदान पर सरकारी महकमा व अधिकारियों द्वारा उपेक्षा किसी गुनाह से कम नहीं। सक्षम अधिकारी व सरकार को चाहिए कि शहीद जावेद के कब्रगाह का जीर्णोद्धार कर शहीद स्मारक व शहीद के नाम से सड़क बनवा कर शहीद को उचित सम्मान प्रदान करें यही शहीद परिवार के लिए गर्व की बात होगी यही क्षेत्रवासियों की भी मांग है।
Feb 14, 2021