गाजियाबाद : पति की हत्या के मामले में पत्नी को आजीवन कारावास की सजा
गाजियाबाद।
आर एस वर्मा
तहलका 24×7
पति की हत्या करने की दोषी पत्नी विशाली को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निर्मल चंद्र सेमवाल ने दोषी पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। घटना की रिपोर्ट दयाकर सीएच के ससुर ने मामले को गुमराह करने के लिए दर्ज कराई थी। बाद में दयाकर सीएच के पिता ने पुलिस को अर्जी देकर पुत्रवधू पर हत्या करने का आरोप लगाया था, इसके बाद घटना का खुलासा हुआ।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजय त्यागी और अधिवक्ता भारती शर्मा ने बताया कि इंदिरापुरम थाने में नौ मार्च 2014 को रिपोर्ट दर्ज हुई थी। रिपोर्ट में आंध्र प्रदेश (तेलांगाना) के अम्मापालम बारंगल निवासी एम वेंकटनारायण ने बताया था कि उसकी पुत्री विशाली और दामाद दयाकर सीएच इंदिरापुरम थाने के रेल विहार में नौ वर्षीय बेटी के साथ रहते थे। दयाकर सीएच नोएडा की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर थे। सात मार्च को बेटी और दामाद में किसी बात पर झगड़ा हुआ, इसके बाद बेटी विशाली अपनी नौ वर्षीय पुत्री लक्ष्मी संतोषी को लेकर बारंगल आ गई।
दामाद को समझाने के लिए बेटी विशाली को साथ लेकर नौ मार्च को सुबह 5:43 बजे रेल विहार फ्लैट पर पहुंचे तो दरवाजे की कुंडी बाहर से खुली हुई थी, दरवाजा बंद था। धकेलते ही दरवाजा खुल गया और कमरे में दामाद मृत अवस्था में पड़े थे। सिर पर चोट लगी थी और खून फर्श पर बिखरा था। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी।
# दयाकर सीएच के पिता की अर्जी से हुआ खुलासा
अधिवक्ता भारती शर्मा ने बताया कि दयाकर सीएच के पिता बारंगल के महबूबाबाद निवासी सीएच वीरैया ने 10 मार्च को इंदिरापुरम थाने में अर्जी देकर आरोप लगाया कि उनका बेटा दयाकर सीएच पत्नी विशाली से बहुत परेशान रहता था। तीन मार्च को दयाकर ने अपने पिता वीरैया के खाते में 20 हजार रुपये भेजे थे। इसके बाद पति-पत्नी में काफी लड़ाई हुई थी। पुत्रवधू विशाली ने छह और सात मार्च की रात किसी वस्तु से प्रहार कर दयाकर की हत्या कर दी। इसके बाद हवाई जहाज से अपने पिता के पास पहुंच गई और पोती लक्ष्मी को वहीं पर छोड़कर आ गई, जिससे कि वह हत्या का खुलासा न कर दे। इसके बाद पुलिस ने जांच की दिशा बदलते हुए दयाकर सीएच की पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में कुल 10 गवाह पेश किए गए।