कफ सिरप कांड से हड़कंप, आरोपियों पर गंभीर धारा लगाने की तैयारी में जुटी पुलिस
जौनपुर।
गुलाम साबिर
तहलका 24×7
कोडीनयुक्त अवैध कफ सिरप की काली कमाई में लिप्त गिरोह पर बड़ी कार्रवाई के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। दवा बाजार से लेकर मेडिकल स्टोर संचालकों तक में खौफ का माहौल है। पुलिस अब गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है, जबकि ड्रग विभाग ने इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर दिया है।ड्रग विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि 12 से अधिक मेडिकल स्टोर्स से 57 करोड़ रुपये की कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध सप्लाई कागजों पर दिखाई गई है।

यह सप्लाई जौनपुर से वाराणसी, आज़मगढ़, गाजीपुर और प्रतापगढ़ तक की गई।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 37 लाख बोतलें रांची की मेसर्स शैली ट्रेंड्स कंपनी से मंगाई गईं और फर्जी बिलों के जरिए कई जिलों में खपाई गईं। हकीकत में इनकी खपत बिहार, रांची, वेस्ट बंगाल जैसे क्षेत्रों में हुई।जौनपुर का खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग 12 से 19 नवम्बर तक अभियान में जुटा रहा। अभियान के दौरान इस काले कारोबार की परतें खुलती चली गईं।

जांच में सामने आया कि जिले के इन 12 मेडिकल स्टोर मालिकों ने मिलकर कागजों पर कफ सिरप खरीदी-बिक्री का जाल बिछाया, जबकि असल में ये दवाएं नशे के अवैध बाजार में मोटे दामों पर बेची जाती थीं। इस बड़े ड्रग रैकेट में वाराणसी के शुभम जायसवाल और उनके पिता भोला जायसवाल का भी नाम सामने आया है, जिन्हें पुलिस ने आरोपी बनाया है।गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में जहरीली कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था, जिसके बाद प्रतिबंधित व नियंत्रित कफ सिरप पर सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर रजत कुमार पांडेय की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने जौनपुर निवासी 12 मेडिकल स्टोर मालिकों व वाराणसी के दो लोगों पर केस दर्ज किया है। सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है। जल्द ही पूरे नेटवर्क का काला सच जनता के सामने लाया जाएगा। इस कफ सिरप माफिया गैंग के तार कितना दूर तक फैले हैं और इसमें और कौन-कौन शामिल हैं, यह आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा हो सकता है।








