ईवीएम पर खामोश, हिंदुओं के ध्रुवीकरण और नई तैयारी
# हार के बाद पहले बयान में संदेश दे गए शरद पवार
मुंबई।
तहलका 24×7
शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े खिलाड़ी रहे हैं। वह चाहें सत्ता पक्ष में रहे हों या विपक्ष में हमेशा अपनी ताकत दिखाई है। हालांकि, 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे शरद पवार और एनसीपी के उनके गुट के राजनीतिक भविष्य को लेकर कुछ कठिन सवाल खड़े कर गए।महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन की प्रचंड जीत हुई, जिसके बाद से विपक्ष यानी महा विकास अघाड़ी के नेता ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं।

इस बीच एनसीपी-एसपी के मुखिया शरद पवार ने ईवीएम पर चुप्पी साध ली और उसके ऊपर हार का ठीकरा नहीं फोड़ा। हालांकि उन्होंने हिंदुओं के ध्रुवीकरण की बात कही है। साथ ही साथ अब आगे किस तरह की रणनीति बनाकर वह अपनी सियासत को आगे बढ़ाएंगे इसको लेकर इरादे साफ कर दिए हैं। चुनाव हारने के बाद उन्होंने अपने पहले बयान में कई संदेश दिए। पवार का कहना है कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे। इसको लेकर अध्ययन किया जाएगा और वे लोगों के पास जाएंगे।

पवार ने उम्मीद जताई है कि महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी की वजह से महाराष्ट्र चुनावों में बीजेपी गठबंधन को जीत मिली।शरद पवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व बीजेपी के दिग्गज नेता योगी आदित्यनाथ के बयान का जिक्र कर हिंदू वोटरों के ध्रुवीकरण की बात कही। कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री ने बंटेंगे तो कटेंगे नारा दिया। इस नारे बहुसंख्यक लोगों को डर लगा और वे एकजुट हुए। इससे ध्रुवीकरण हुआ है, ऐसा उन्हें प्रतीत हो रहा है। दरअसल, सीएम योगी के बंटेंगे तो कटेंगे वाले बयान पर महाराष्ट्र में जमकर सियासत हुई और बीजेपी ने इसे बखूबी भुनाया।

यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहीं न कहीं सीएम योगी के बयान के समर्थन पर एक अलग नारा दिया कि एक रहेंगे तो नेक रहेंगे।चुनाव में महाविकास अघाड़ी की हार के बाद उसके घटक दल ईवीएम को टारगेट कर रहे हैं और लगातार सवाल उठा रहे हैं। हालांकि शरद पवार ने साफ कर दिया है कि आधिकारिक जानकारी के बिना ईवीएम पर कुछ नहीं बोलने वाले हैं, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि वोटिंग मशीनों पर चर्चा जरूर होनी चाहिए।

कांग्रेस नेता उदित राज का कहना है कि जब तक ईवीएम है चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकता। महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि ईवीएम की जीत हुई है। शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने नतीजों को चौंकाने वाला बताते हुए पूछा कि संख्याओं में इतना अंतर कैसे हुआ। सभी सर्वे में कांटे की टक्कर या महा विकास अघाड़ी को बढ़त दिखाई गई थी। वह महाराष्ट्र में कई जगहों पर गईं, जहां लोगों ने उनसे कहा कि वे उनकी पार्टी वोट देंगे, लेकिन हमें ईवीएम पर ध्यान देना चाहिए।