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Friday, May 17, 2024

जौनपुर : पुस्तकें होती हैं गुरुओं की भी गुरु- श्याम सिंह यादव

जौनपुर : पुस्तकें होती हैं गुरुओं की भी गुरु- श्याम सिंह यादव

# राष्ट्रभाषा हिन्दी के लिए सांसद ने आयोजित की पुस्तक वितरण सम्मान समारोह

जौनपुर। 
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव 
तहलका 24×7 
          कहते हैं अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरन्त समझ में नहीं आते, उन्हें पढ़ना और समझना पड़ता है। कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण पुस्तकों से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। लोगों और किताबों के बीच की इस बढ़ती दूरी को पाटने की अनोखी पहल बीते दिनों सांसद श्याम सिंह यादव के द्वारा जनपद में आयोजित पुस्तक वितरण सम्मान समारोह में देखने को मिली।परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक को राष्ट्रभाषा हिन्दी एवं हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार हेतु पुस्तक वितरण के लिए कार्यदायी संस्था बनाया गया। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना अन्तर्गत राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार हेतु सांसद श्याम सिंह यादव की अनुशंसा पर हिन्दी साहित्य से संबंधित हिन्दी के महान लेखकों की रचनाओं से समृद्ध एक मिनी लाइब्रेरी की पुस्तकों का वितरण व सम्मान समारोह का 16 नवंबर को रज़ा डी.एम.शिया इंटर कॉलेज जौनपुर में आयोजित हुआ।
इस मौके पर सांसद श्याम सिंह यादव के सांसद निधि से 60 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को 10 हजार, 32 उच्च विद्यालयों को 25 हजार एवं 16 कॉलेज/इंटर कॉलेजों को 50 हजार की पुस्तकों के वितरण एवं जौनपुर जनपद के बारह साहित्यकारों (1) डॉ राजदेव दुबे (2) अजय कुमार सिंह (3) अहमद निसार (4) सभाजीत द्विवेदी ‘प्रखर’ (5) डॉ. शरतेंदु दुबे (6) होरी लाल ‘अशांत’ (7) जनार्दन अस्थाना (8) योगेन्द्र मौर्य (9) डॉ. ज्योति सिन्हा (10) डॉ. ब्रजेश कुमार यदुवंशी (11) मजहर आसिफ (12) प्रशांत कुमार मिश्र (शांत जौनपुरी) को सम्मानित होने के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। जौनपुर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि जनपद के 108 शैक्षणिक संस्थाओं को एक मिनी लाइब्रेरी की पुस्तकों की प्राप्ति के साथ ही सांसद द्वारा जौनपुर जनपद के एक दर्जन साहित्यकारों का सम्मान हुआ। पुस्तक वितरण सम्मान समारोह में सांसद श्याम सिंह यादव और सम्मानित हुए साहित्यकार पुस्तक वितरण व सम्मान समारोह के समापन पर जनपद के साहित्यकारों ने शुक्रवार को सिविल लाइंस स्थित पवन प्लाजा में एक बैठक के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया। जिनमे प्रमुख रूप से डॉ. सत्यनारायण दुबे ‘शरतेंदु’ ने कहा कि पुस्तकें अपने समय के समाज का दर्पण होती हैं तथा इनमें तत्कालीन समाज का तथा लेखक का जीवन दर्शन निहित होता है। पुस्तकों में निहित ज्ञान राशि मानव-जीवन का पथ प्रशस्त करती है। राष्ट्रभाषा हिन्दी और साहित्य-संस्कृति के उन्नयन हेतु ‘पुस्तक वितरण समारोह का आयोजन’ सांसद श्याम सिंह यादव जी की अत्यन्त सराहनीय पहल है।
इसी प्रकार जनार्दन प्रसाद अस्थाना ने कहा कि पुस्तकें मात्र ज्ञान का साधन- माध्यम ही नहीं होती बल्कि विभिन्न संस्कृतियों को जानने- समझने में सेतु का निर्माण करती हैं। आज तकनीकी साधनों ने पुस्तकों के प्रति आम जन-मानस की अभिरुचि को भी प्रभावित किया है। ऐसे में इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से साहित्यकारों का सम्मान व पुस्तक वितरण कर निश्चित रूप से पुस्तक संस्कृति के उन्नयन, संरक्षण व संवर्धन में माननीय सांसद महोदय जी द्वारा किया गया एक स्वस्थ प्रयास है। क्रमशःअहमद निसार एक साहित्यकार के लिखने का मकसद एक सभ्य समाज की संरचना के अलावा और हो भी क्या सकता है। 16 नवम्बर, 2023 को जो सम्मान समारोह रजा डी.एम. शिया इन्टर कॉलेज के हाल में सम्पन्न हुआ। वह एक शानदार कार्यक्रम था। साहित्यकारों का सम्मान भाषा और साहित्य दोनों का सम्मान है। किसी भी भाषा का साहित्यकारों की हौसलाअफजाई के बगैर परवान नहीं चढ़ सकता। बच्चों में किताबों का वितरण इस बात की तरफ इशारा करता है कि किताबें ही बच्चों की सबसे अच्छी और सच्ची दोस्त होती हैं। केवल किताबों से सच्ची दोस्ती ही इनसान को उसकी मंजिल तक पहुँचा सकती है। वह तमाम लोग मुबारकबाद के हकदार है जिनके प्रयत्न से यह विशिष्ठ समारोह सम्पन्न हुआ।
योगेन्द्र प्रताप मौर्य “स्वप्न सारे वक्त के साकार करती हैं। ये किताबें जिंदगी उजियार करती हैं।” किसी भी देश, समाज को जानने, समझने में किताबें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हमें अपने इतिहास की, अपनी संस्कृति की बेहतर जानकारी किताबों के ही माध्यम से प्राप्त होती है। किताबें ज्ञान देने के साथ-साथ बेहतर इनसान बनाने में भी सहायता करती हैं। सांसद श्याम सिंह यादव द्वारा आयोजित पुस्तक वितरण समारोह में प्रदत्त पुस्तकें निश्चित ही विद्यालयों, पुस्तकालयों और विद्यार्थियों के ज्ञानार्जन में सहायक सिद्ध होगीं। अजय कुमार सिंह किताबें और पढ़ने वाले हाशिये पर पहुँच गये हैं। लाइब्रेरी आन्दोलन आखिरी साँसें ले रहा है। ऐसे में किसी सांसद द्वारा किताबें बाँटना यकीनन एक उल्लेखनीय घटना है।
साहित्यकार यदाकदा सम्मानित होते रहते हैं। यहाँ से वहाँ तक तब से अब तक प्राचीन यूनान के एथीना नगर-राज्य में यह एक सालाना उत्सव हुआ करता था। जीवन के किसी भी क्षेत्र में कुछ भी महत्त्वपूर्ण करनेवाले लोग सार्वजनिक रूप से सम्मानित किये जाते थे। अन्य कारणें के साथ एथीना की समृद्धि का यह भी एक महम्वपूर्ण कारण था। हम जैसे तो ऐसे-वैसों में गिने जाने वालों में हैं। राष्ट्रभाषा हिंदी के उन्नयन हेतु सांसद श्याम सिंह यादव द्वारा पुस्तक वितरण सम्मान समारोह का आयोजन जौनपुर जनपद के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी। डॉ. ब्रजेश कुमार यदुवंशी ने कहा कि पुस्तकें सिर्फ कागज का पुलिन्दा नहीं, पुस्तकें आपकी कल्पना को रोशन करती हैं। किताबें आपको अपने आस-पास की दुनिया के बारे में अपना अनूठा दृष्टिकोण बनाने में भी मदद करती हैं। लोकसभा क्षेत्र जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी, हिन्दी साहित्य और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु पुस्तक वितरण कार्यक्रम का आयोजन वाकई काबिले तारीफ है। इस आयोजन से यमदग्नि ऋषि की तप:स्थली, धनुर्धर परशुराम की प्रशिक्षण भूमि, मध्यकाल के शिराज-ए-हिन्द जौनपुर के विद्यार्थियों में साहित्य के प्रति लगाव बढ़ेगा।
डॉ. ज्योति दास सिन्हा ने कहा कि पुस्तकें मात्र ज्ञान का साधन- माध्यम ही नहीं होती बल्कि विभिन्न संस्कृतियों को जानने- समझने में सेतु का निर्माण करती हैं। आज तकनीकी साधनों ने पुस्तकों के प्रति आम जनमानस की अभिरुचि को भी प्रभावित किया है। ऐसे में इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से साहित्यकारों का सम्मान व पुस्तक वितरण कर निश्चित रूप से पुस्तक संस्कृति के उन्नयन, संरक्षण व संवर्धन में सांसद द्वारा किया गया एक स्वस्थ प्रयास है।डॉ. राजदेव दुबे सांसद श्याम सिंह यादव द्वारा आयोजित जौनपुर के साहित्यकारों का सम्मान समारोह एवं हिन्दी राष्ट्रभाषा के विकास एवं उन्नयन से सम्बन्धित कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय रहा है। सभी साहित्यकारों को शाल एवं पुस्तकें प्रदान करके सांसद जी द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही साथ हिन्दी भाषा के उन्नयन एवं चतुर्मुखी विकास में सम्बन्धित तथ्यों को विभिन्न साहित्यकारों द्वारा प्रकट किया गया, उससे मातृभाषा हिन्दी के प्रति सच्चा मातृत्व परिलक्षित होता है।
होरीलाल अशांत ने कहा कि साहित्यकारों का सम्मान समारोह अपने-आप में उत्कृष्ट एवं स्मरणीय आयोजन रहा। इससे साहित्य जगत में जौनपुर जनपद का योगदान अपने पूर्ण अस्तित्व में आएगा साहित्यकारों के प्रति यह सहानभूति ही नहीं प्रत्युत हार्दिक सम्मान का एक अनूठा उदाहरण है।प्रशांत मिश्र (शांत जौनपुरी) ने कहा कि आज जब पुस्तकें डिजिटल रूप में प्रस्तुत हैं, लोग पुस्तकों की बजाय अन्य उपलब्ध संसाधनों की ओर उन्मुख हैं, ऐसे में सांसद श्री यादव द्वारा विद्यालय में पुस्तकों का वितरण निश्चित रूप से एक अद्वितीय प्रयास है, जो पुस्तकों के प्रति रूझान को बढ़ाएगा।मज़हर आसिफ ने कहा समारोह की भव्यता में कमी का कोई रोना नहीं, सम्मान और साहित्यकारों के मध्य बीता समय मूल्यवान होता है, कभी उसका बदल सम्भव नहीं। सांसद जी के साथ शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों, प्रोफेसर्स के सान्निध्य में बीता समय स्वर्णिम समय रहा और पुस्तकों का संकलन मेरा शौक और जीवन, अनथक भागदौड़ के बाद उनका अवलोकन मन को शान्ति देता है।
साहित्यकारों की रचनाएँ अपने दौर का आइना होती है, एक सच्चा शेर एक शताब्दी की गाथा होता है। मुझे बेइन्तहा प्रसन्नता हुई कार्यक्रम का हिस्सा बनकर इस छोटे से शायर का उत्साहवर्धन हुआ। सभाजीत द्विवेदी ‘प्रखर’ पुस्तकों की भूमिका ज्ञान संवर्धन, समाज निर्माण, योग्य और दायित्वपूर्ण नागरिक पैदा करने में अप्रतिम है। युवा पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की कामना से सांसद जी के कर कमलों से शासन द्वारा प्रदान की जा रही पुस्तकें, राष्ट्र निर्माण में अच्छी भूमिका निभाएँगी। अच्छी पुस्तकें मष्तिष्क के विकारों का प्रच्छालन करके स्वच्छ चेतना का विकास करती हैं।जयकेश त्रिपाठी परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, जौनपुर ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में पुस्तक वितरण सम्मान समारोह का आयोजन अपने आप में बहुत बड़ा कदम है, क्योंकि किताबें वह साधना हैं जिसके द्वारा हम सभी प्रकार की संस्कृतियों के बीच पुल निर्माण का काम करते हैं।राजीव रंजन कुमार मिश्र जिला विद्यालय निरीक्षक, ने कहा कि स्कूलों/कॉलेजों में पुस्तकें देकर सांसद जी ने ज्ञान की रक्षा के लिए पुस्तकों की जिन्दगी बचाने का महान कार्य किया है। सांसद जी के प्रयास से जौनपुर जनपद के 108 स्कूलों एवं कॉलेजों को हिन्दी साहित्य से संबंधित पुस्तकें ही नहीं प्राप्त नहीं हुई हैं बल्कि विचारों के युद्ध में पुस्तक रूपी अस्त्र भी प्राप्त हुआ है।
मुकेश कुमार कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रभाषा हिंदी के मान-सम्मान को बढ़ाकर साहित्य साधकों का सम्मान के साथ ही सांसद श्याम सिंह यादव के सौजन्य से जौनपुर जनपद के 108 शैक्षणिक संस्थाओं को हिंदी के महान कालजीय लेखकों की रचनाओं से समृद्ध एक मिनी लाइब्रेरी की पुस्तकों की प्राप्ति कराना था। जब नहीं मिले कोई जवाब, तब तुम ढूँढ़ों कोई किताब। माननीय सांसद ने अपने कार्यकाल में सांसद निधि का लेखा-जोखा देते हुए कोरोना जैसी अपशकुन बीमारी का जिक्र करते हुए कहा कि सांसद निधि से ऑक्सीजन प्लांट, मास्क, एम्बुलेंश, सोलर लाईट से संबंधित कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से कराए हैं। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल अध्यापकों से सीखने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि पुस्तकें नहीं हैं तो शिक्षा और शिक्षक का न कोई महत्त्व है और न ही कोई स्थान। पुस्तकों में समाया ज्ञान का भंडार एक अक्षय निधि है। ओस अवसर पर सांसद ने कहा कि विद्यालय से आने वाले छात्र-छात्राओं को एक गुरु ही अच्छे संस्कार देता है, लेकिन पुस्तकें गुरुओं की भी गुरु होती हैं। कार्यक्रम के संचालक डॉ. सैयद अलमदार हुसैन ‘नज़र’ प्रधानाचार्य, रज़ा डी.एम.शिया इंटर कॉलेज ने कहा कि स्कूलों/कॉलेजों को भवन मिलने के सैकड़ों उदाहरण होंगे, लेकिन पुस्तकें दिए जाने का जौनपुर जनपद में यह पहला मामला है। कार्यक्रम की सफलता में राजेश गुप्ता, कार्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर एवं अजय मौर्य (समग्र शिक्षा) कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जौनपुर की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।

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